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सोनभद्र कार्याल

ओबरा(सोनभद्र) 21 जून को साल का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस ग्रहण की अवधि पांच घंटे अड़तालीस मिनट की है आंकि गई है, हजारों साल बाद ऐसा ग्रहण आया है जिसमें राहु और केतु एक ही पंक्ति में होगें। राहु के साथ बुध और सूर्य है और राहु सूर्य को ग्रहण लगा रहा है, ये महा ग्रहण कालसर्प योग में लग रहा है। रविवार को लगने वाला ये ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर लगेगा और इसका सूतक 15 घंटे पहले 20 जून की रात 9 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगा।
हजारों साल बाद सूर्यग्रहण पर दुर्लभ संयोग, इन उपायों से होगा लाभ- शनि पीठाधीश्वर अनंत विभूषित बालयोगेश्वर आनंद स्वामी शनि देव महाराज ने बताया कि इस ग्रहण के महत्व के बारे में और उपायों से इस सूर्य ग्रहण का निश्चिततौर पर लाभ उठाया जा सकता है। सूर्य ग्रहण रविवार के दिन मृगशिरा नक्षत्र और राहु के आद्रा नक्षत्र में लग रहा है, इस नक्षत्र में पड़ने वाला ग्रहण बहुत खतरनाक माना जाता है, इस ग्रहण से देश-दुनिया में बहुत सारे अकाल्पनिक परिवर्तन आएंगे। प्राकृतिक आपदा-विपदा आएगी साथ ही कई तरह की परेशानियां बढ़ेंगी, इस ग्रहण को चूड़ामणि का भी नाम दिया गया है जो एक डायमंड रिंग की तरह दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में राहु लगा रहा है और इसके साथ बुध भी है, इसके अलावा मंगल की दृष्टि भी सूर्य पर है। इन ग्रहों की वजह से ज्यादात्तर पानी से होने वाली संक्रामक बीमारियां बढ़ सकती हैं और वायरस पहले से ज्यादा सक्रिय हो सकता है। क्या सूर्य ग्रहण देखना अशुभ है?
सूर्य ग्रहण को देखना शुभ या अशुभ नहीं माना जाता है बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से इसे नंगी आंखों से देखने से मना किया जाता है। सूर्य ग्रहण को सीधा देखने से आपकी आंखे खराब हो सकती हैं, प्रयास करे कि रंगीन शीशा या चश्मा लगाकर इस ग्रहण को देखा जाए। लाभान्वित होने के लिए सुबह उठकर स्नान करने के बाद लाल रंग के वस्त्र ही धारण करें, ग्रहण शुरू होने से पहले तांबे के लोटे में थोड़ा दूध, गुड़ और गंगाजल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। और सूर्य के मंत्रों का जाप करें, तुलसी के पौधे पर जल चढाएं और जल में तुलसी डालकर पिएं। ग्रहण काल के दौरान सिर्फ बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग भोजन कर सकते हैं, बाकी लोग फलों के रस में तुलसी के पत्ते डालकर पी सकते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान अवश्य कर लें, फिर गुड़, लाल वस्त्र और नारियल का दान करने से सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। श्री शनिदेव महाराज ने बताया कि उक्त सभी सिघ्द उपायों को करके ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।