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वाराणसी-: आज के दौर में पत्रकारिता एक बिजनेस बनकर रह गया है। एक वो समय था जब किसी एक लेखनी पर अधिकारियों की रूह कांप जाती थी और खबर के मुताबिक उस पर कार्यवाही होती थी पर आज के दौर में नहीं रही वह लेखनी, नहीं रहे वे पत्रकार। आज के दौर में पत्रकारिता एक पैसा कमाने व खुद के वैध और अवैध धंधे को छुपाने का जरिया बन गया है। जिसको देखों वही पत्रकार, जिसके चलते सक्षंम कलमकारों के उपर भी बदनामियों के दाग़ लग रहे हैं। आज के दौर में कुछ कथित पत्रकार अभी भी हैं जो इस पत्रकारिता को आगे लेकर चल रहें है। आइये एक ऐसे ही कलमकार के पास ले चलते हैं जो पत्रकारिता के क्षेत्र में बखुबी अपना फर्ज निभा रहे हैं विकास दत्त मिश्रा यह नाम वाराणसी क्षेत्र के बड़ागांव थानान्तर्गत कुड़ी गांव से बड़े ही आदर्श के साथ लिया जाता है। विकास दत्त मिश्रा सन् 2011 में पत्रकारिता के क्षेत्र में आयें और (द स्पीड लाईन) लखनऊ में सलाहकार के रूप में नियुक्त हुए। इस वक्त इन्होंने पत्रकारों के हित व उनकी समयमान की लड़ाई के लिए ऑल प्रेस एंड राईटर्स एसोसिएशन-(अपवा) का दामन पकड़ा और पूर्वांचल अध्यक्ष के रूप में आकर कलमकारों के लिए लड़ाई लड़ते रहे। संगठन में अच्छे कार्यो को लेकर 2018 में महामहिम राज्यपाल व्दारा इन्हें (अपवा रत्न) से सम्मानित किया गया। वाराणसी की आवाज में अपनी लेखनी दे रहे श्री मिश्रा जी जहां भी पत्रकारों के ऊपर दुर्यव्यवहार की बात है आती हैं वहां ये सबसे पहले पीड़ित का हक दिलाने का कार्य करते हैं। जिससे इनकी मेहनत व लगन को देखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वजीत सिंह सूर्यवंशी ने इन्हें राष्ट्रीय सचिव का कमान सौंपा, वही वाराणसी में विकास दत्त मिश्रा के इस कार्य भार से पत्रकारों में खुशी की लहर देखने को मिली।