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ब्यूरो कार्यालय। इंडोनेशिया में लाखों मुस्लिमों के लिए ईद-उल-फितर की छुट्टियां इस बार उदासी से भरी हुई हैं। रोजे रखने के पाक महीने रमजान के अंत में आमतौर पर तीन दिन तक बड़े उत्साह से जश्न मनाया जाता है लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद यह उत्साह इस बार ठंडा पड़ गया है। विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश में संक्रमण के करीब 22,000 मामले सामने आए हैं और 1,350 लोगों की मौत हुई है जो दक्षिणपूर्व एशिया में सबसे अधिक है। इसे देखते हुए मस्जिदों या खुले मैदानों में इस बार एकजुट होकर न नमाज पढ़ी जा सकेगी, न परिवारों का मिलना-जुलना होगा और न रिश्तेदार इस बार बच्चों को ईदी (तोहफे) दे पाएंगे।

आचेह इंडोनेशिया का एकमात्र प्रांत है, जहां इस्लामी शरिया कानून लागू है। इस बेहद रूढ़िवादी प्रांत में मस्जिदों और मैदानों में सार्वजनिक रूप से ईद की नमाज पढ़ी जा सकेगी, लेकिन ऐसा किसी से हाथ मिलाए बिना और सीमित धर्मोपदेश के साथ किया जाएगा। अल्लाह के नाम का आह्वान कर लाउडस्पीकरों के साथ सजे वाहनों की सार्वजनिक परेड इस साल प्रतिबंधित है। आचेह के ल्होकसियुमावे शहर निवासी मुश्तार यूसुफ ने कहा, ‘‘यह बहुत दुखद है। पूरे हफ्ते त्योहार मनाया जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। आचेह के विपरीत, जकार्ता की मस्जिदें और मैदान, जो ईद के दिन आमतौर पर भरे रहते थे, इस बार खाली दिखेंगे। जकार्ता में अधिकारियों ने लॉकडाउन को चार जून तक बढ़ा दिया है, सांप्रदायिक सभाओं पर रोक लगा दी है और निजी कारों के राजधानी से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जकार्ता इंडोनेशिया में कोविड-19 प्रकोप का केंद्र बन गया है, जहां शनिवार तक संक्रमण के 6,515 मामले सामने आए, जिनमें से 501 लोगों की मौत हो गई है।

यहां मस्जिदों को पुन: खोल दिया गया है लेकिन केवल 30 तक लोग इकट्ठे हो सकते हैं। मलेशिया में कोरोना वायरस संक्रमण के 7185 मामले सामने आए हैं और 115 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन अधिकारियों को डर है कि ईद उत्सव से चलते लोग सामाजिक दूरी तथा स्वास्थ्य संबंधी उपायों की उपेक्षा करेंगे तो मामले बढ़ सकते हैं। शनिवार को प्रसारित ईद के संदेश में प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से जिम्मेदारी से बर्ताव करने तथा स्वास्थ्य संबंधी सख्त दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा।