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संदीप शर्मा/अनपरा

सोनभद्र-: अनपरा शक्तीनगर रोड कई वर्षों के आंदोलन के बाद उर्जान्चल के लोगों को वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग की शौगात मिली, पौने दो सौ करोड़ रुपये की लागत से यह मार्ग फोरलेन बनने लगा, लेकिन ग्राम पंचायत से भी बदतर गुणवत्ता ,आये दिन दुर्धटना लेटलतीफी के चलते लोगों में आक्रोश तेजी बढ़ रहा है। सोर्ड एनजीओ के द्वारा जिला मजिस्ट्रेट को कई पत्र लिख कर गुणवक्ता की दिशा, दशा का विश्लेषण किय गया। किन्तु हमारे अनपरा,शक्तीनगर मार्ग भ्रस्टाचार की भेट चढता जा रहा अब इस मार्ग के बाबत, NGO द्वारा मा.मुख्यमंत्री को सड़क के भ्रष्टाचार की जांच कराने और विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार पर कठोर काईवाई करने का अनुरोध किया है। बताते चले कि स्टेट हाइवे 5 ए औड़ी मोड़ से शक्तिनगर तक दूरी 18.6 किमी को बनाने के लिए 186.1 करोड़ में गावर कम्पनी को कार्य करने का ठेका मिला है। इसे एक साल के भीतर खत्म करने की मियाद तय की गई थी, लेकिन आठ माह बाद भी एक मीटर सड़क भी पूर्ण रूप से पूर्ण नहीं किया गया। इस मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए कई वर्षों से आंदोलन और धरना प्रदर्शन किए गए तब जाकर मु. मंत्री जी द्वारा इस मार्ग के बनने की घोषणा की थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों में गजब का उत्साह था। लेकिन दिन ढ़लने के साथ ही लोगों का उत्साह भी काफूर होता जा रहा है। सड़क के लिए आंदोलन करने वाले रीना सिह अध्यक्ष सोर्ड, शीष मिश्रा बागी समाज सेवी ,अमित, महेश,रमेश,संतोष, दिनेश, अनिल,सुनिल,आदि बहुत से ग्राम वासीयो ने बताया कि सड़क को बनाने में अनियमितता बरती जा रही है, मिट्टी के बजाए ओबी,सिमेन्टके साथ राख मिट्टी की जगह औद्योगिक कचरे से सड़क की भराई की जा रही है, न तो मोरम डाला जा रहा है न ही गिट्टी, न जे एस बी ही ठीक है जो जेसबी लगाइ जा रही mp की रिजेक्ट जेसबी है जो सस्ते मे लाकर डाला जा रहा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने पर उनके द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। ऐसे में उग्र आंदोलन के शिवाय अब कुछ भी नहीं बचा है। वहीं सोर्ड गैर सरकारी संस्थान से जुड़ी रीना सिंह का कहना है कि ऊर्जान्चल वासियों की लाइफ लाइन के साथ भ्रष्ट अधिकारियों और गावर कम्पनी द्वारा किये जा रहे मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, अगर अधिकारियों के कान पर जू नहीं रेंगा तो वो न्यायालय की शरण मे जाने को मजबूर होंगी। ग्राम सभा स्तर की सड़कें भी इतनी गुणवत्ता हीन नहीं होती जितना ये स्टेट हाइवे बन रही है। गावर कम्पनी के द्वारा मानक को ताक पर रखकर कार्य किया जा रहा है, जिसके चलते प्रदेश सरकार की लोकप्रियता पर बट्टा लग रहा है। ऐसे में इस सड़क की गुणवत्ता को लेकर एक भीषण आंदोलन करने को मजबूर हैं।