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● प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धाजंलि सभा
● आचार्य रामचंद्र शुक्ल के प्रपौत्र थे

सोनभद्र कार्यालय/7007307485

सोनभद्र । जिले में कभी न भुलाया जा सकने वाला एक ऐसा नाम जिसका व्यवहार आचार की कीर्ति बाहर के लोग भी जानते पहचानते है ऐसे ही थे साहित्यकार योगेश शेखर। लोकतंत्र सेनानी रहे फक्कड़ मिज़ाज के योगेश आचार्य रामचंद्र शुक्ल के प्रपौत्र थे । 19 सितंबर 2019 को लंबी बीमारी के बाद परलोक सिधार गए थे । मधुरिमा
साहित्य गोष्ठी के विधाता प्रख्यात साहित्यकार अजय शेखर की अध्यक्षता में शनिवार को रॉबर्ट्सगंज स्थित उनके आवास पर श्रद्धाजंलि सभा में जनपद के
साहित्यकारों , पत्रकारों और राजनीतिक दलों के लोगों ने स्मृति शेष योगेश के कृत्तित्व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए अपने अपने संस्मरण साझा किए। उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की गई। कहा
गया बहुत से लोग इतिहास पढ़ रहे हैं। बहुत से लोग इतिहास पढ़ा रहे है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है जो इतिहास बना रहे है। उन्हीं में से एक योगेश शुक्ल थे
जो जीवन पर्यन्त आम आदमी की लड़ाई लड़ते रहे । साहित्यकारों नें उन्हें नमन करते हुए कहा , ‘ तुम क्या गए , युग चेतना ही चली गई , तुम्हें खोकर हिमालय की कमर ही झुक गई। समय का काव्य पूरा हो नही पाया
की रोशनी चुक गई ‘ ।

जनपद की सांस्कृतिक साहित्यिक संस्था ‘ सोनसाहित्य
संगम ‘ के संस्थापक निदेशक रहे समाजवादी विचारक योगेश को श्रद्धाजंलि देते हुए लोगों ने कहा।
‘तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे ,
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे ,
संग-संग तुम भी गुनगुनाओगे ‘
बोले विद्वान
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मीडिया फोरम ऑफ इण्डिया (न्यास) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष मिथिलेश द्विवेदी ने योगेश की सामग्रियों को प्रकाशित कराने के लिए एक समिति बनाने की वकालत की। सोनसाहित्य संगम के निदेशक श्री द्विवेदी ने यह भी कहा कि इसके लिए सहयोग आवश्यक है । सोनसाहित्य संगम के संयोजक टैक्स बार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष साहित्यकार कवि पत्रकार राकेश शरण मिश्र ने अपनी स्वरचित रचना से योगेश शेखर के व्यक्तित्व
का बखान किया।

श्रद्धाजंलि दिए
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संत कीनाराम पीजी कालेज के प्राचार्य साहित्यकार डॉक्टर गोपाल सिंह , राज्य और राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत पूर्व शिक्षक साहित्यकार ओमप्रकाश त्रिपाठी ,
उपन्यासकार कथा शिल्पी पत्रकार रामनाथ शिवेंद्र एडवोकेट विन्ध्य सँस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के निदेशक साहित्यकार पत्रकार दीपक कुमार केसरवानी , पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कृष्ण मुरारी गुप्त , सपा नेता हिदायतुल्ला खा, अब्दुल हई , नज़र मोहम्द नज़र ,
उप निदेशक सुशील राही , सरोज सिंह , दिवाकर द्विवेदी मेघ विजयगढ़ी , कवि प्रद्युम्न कुमार त्रिपाठी ‘ पद्द्म ‘ एडवोकेट ,हर देव सिंह , योगेश शेखर के पुत्र
पुरु , राजनरायन सिंह समेत अन्य
साहित्यकार पुष्पांजलि अर्पित किए । अपने अध्यक्षी उदबोधन में साहित्यकार अजय शेखर ने
डॉक्टर राम मनोहर लोहिया से जुड़े प्रसंगों और जिला के लिए जेल जाने और योगेश के साथ आंदोलन करने की घटनाओं को साझा किए। सभा का संचालन
शिक्षक और पत्रकार भोलानाथ मिश्र के किया । अंत में दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धाजंलि दी गई ।