-डॉ. परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव-(सोनभद्र)
सोनभद्र के बड़े विकास खण्ड घोरावल की बाल विकास परियोजना की परिस्थितियों सेयहाँ की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में व्याप्त रोष मौजूदा हालात में चरमसीमा तक पहुँच गया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सोनभद्र परियोजनाधिकारी व उससे आला अफसरान व हुक्मरानों तक शिकायतों का सिलसिला जारी कर दिया है जिसे जनाक्रोश की परिणति कहने में कोई गुरेज नही कहा जा सकता। इसी परियोजना की सेक्टर दो मुख्य सेविका शीला पाल आंगनबाड़ियो को प्रताड़ित करने, उन पर हनक और धमक जताने ,उन्हें भयाक्रांत करने व उनकी ओर से मांगी गयी रकम न देने पर कार्रवाई कर निलंबित करने की धमकी लगातार देते रहने से आंगनबाड़ी समुदाय ने शिकायत जिला स्तर व उससे ऊपर तक गुहार लगाते हुए लिखा है कि पुष्टाहार में धनवसूली कई जबरदस्त मांग की जाती है लम्बे अरसे से पर अत्यंत आहत होने पर शिकायत करने की हिमाकत की गयी कार्यकत्रियों द्वारा।
कार्यालय आकर सुपरवाइजर द्वारा असमय बुलाना ,किसी भी रिपोर्ट को चौबीस घंटे के भीतर जमा करने का दबाव बनाना, विषम व आकस्मिक प्रतिकूल परिस्थितियों में अवकाश देने के लिए धन की मांग करना, आंगनबाड़ीयो का परिहास उड़ाना उनकी फितरत बन गयी है।अवकाश न मिलने की दशा में कुछ आँगनबाड़ी के परिवार में दम तोड़ चुके हैं। इससे इतर शिकायती प्रपत्र पर भी प्रमुख उल्लेख किया है कार्यकत्रियों ने कि इनका मुख्यालय आवास घोरावल में नही है वे मिर्ज़ापुर से ही आती है व साथ मे इनके हर दौरे में इनके पति शामिल होते हैं जो खुद को वकील बताते हुए धन वसूली न देने पर निलम्बन की धमकी और अनर्गल वार्ता और मानवता से परे आचरण पर कुछ आंगनबाड़ी इकट्ठा होकर हंगामा भी कर चुकी हैं।