Loading

सोनभद्र कार्यालय

रेणुकूट। नगर के शिवा पार्क की रहने वाली उर्मिला सोनी के लिए वाराणसी के एक व्यवसायी भगवान बन कर आए और उनकी जिंदगी बचा ली। 1 माह पूर्व शिवा पार्क की रहने वाली उर्मिला सोनी अपने घर में ही बरसात से बचाव के लिए टीन सेड पर चढ़कर कुछ साफ सफाई कर रही थी लेकिन अचानक टीन शेड गिर गया और वह सीधा नीचे आकर गिरी जिससे उनकी कमर से जुड़ी कई हड्डियां टूट गई। लॉकडाउन के दौरान अचानक हुए इस हादसे से पूरे परिवार को मानो काठ मार गया। घर में मां के अलावा दो बेटियां रहती है अचानक हुए इस हादसे के बाद नगर के ही एक निजी कंप्यूटर संस्थान में पढ़ाने वाली उर्मिला सोनी की बड़ी बेटी कंचन ने संस्थान के संचालक मुन्ना शर्मा को हादसे की जानकारी दी। संस्थान संचालक मुन्ना शर्मा ने तत्काल अपने वाहन से उन्हें राबर्ट्सगंज स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया। कुछ दिनों तक भर्ती रहने के बाद जिला प्रशासन के आदेश पर अस्पताल बंद होने लगा तो ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें भी हट जाने को कहा।

मजबूरी में मरीज को लेकर परिजन व सहयोगी डाल्टेनगंज स्थित एक हड्डी के विशेषज्ञ चिकित्सक के पास ले गए। मगर वहां भी कोई राहत नहीं मिली और चिकित्सक द्वारा मरीज की स्थिति गम्भीर बताते हुए तत्काल रांची या वाराणसी ले जाकर इलाज कराने की सलाह दी गई। वहां से परिजन उन्हें वाराणसी ले आये और एक निजी अस्पताल में भर्ती कर दिया। वहाँ निजी अस्पताल का खर्च इतना ज्यादा था कि मरीज की दोनों बेटियां व उनके कुछ शुभचिंतक परेशान हो गए। मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रिंटिंग प्रेस संचालक मणिभूषण सिंह ने सारी स्थिति का हवाला देते हुए कुछ व्हाट्सएप ग्रुप पर उर्मिला सोनी की मदद करने के लिए सहयोग मांगा। नगर के तमाम लोगों ने मरीज की मदद भी की मगर निजी अस्पताल में महंगे इलाज को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन लगातार दबाव बना रहा था। रक्तदाता समूह प्रयास के व्हाट्सएप ग्रुप में भी मरीज के आर्थिक सहयोग की पोस्ट आई तो प्रयास समूह द्वारा 18600 रुपये और वाराणसी के शतकवीर रक्तदाता प्रदीप इसरानी के सहयोग से 32 हजार रुपये की मदद दी गई। प्रदीप इसरानी ने इस केस के बारे में जाना तो वे फोर्ड अस्पताल पहुंच गये जहां उन्होंने चिकित्सक से मरीज के बारे में पूरी जानकारी ली और इस संबंध में वाराणसी के बड़े व्यवसायी केशव जालान से बातचीत की। लोगों के सहयोग द्वारा निजी अस्पताल का बिल चुकाने के बाद व्यवसायी केशव जालान की मदद से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया जहां लगभग 15 दिनों तक इलाज चला। वहां उस अस्पताल का लगभग 4 लाख रुपये का बिल व दवा का खर्च केशव जालान ने अदा किया। इसके अलावा प्रदीप इसरानी व लायन दिलीप के सहयोग से मरीज को 5 यूनिट ब्लड, 4 यूनिट प्लाज्मा और 4 यूनिट प्लेटलेट्स उपलब्ध कराया।

रक्तदान करने वाले प्रदीप इसरानी, अभिषेक सिंह, रोटेरियन मनीष पांडेय, विजय आहुजा और उमंग कुकरेजा ने इंसानियत का फर्ज निभाया।प्रदीप इसरानी ने जब ये जाना कि कंचन का कोई भाई नहीं है तो खुद रक्षाबंधन के दिन हॉस्पिटल जाकर राखी बंधवाई। नगर के लोग वाराणसी के व्यवसायी केशव जालान को उर्मिला सोनी के लिए भगवान की संज्ञा दे रहे हैं। रक्तदाता समूह प्रयास के संस्थापक लायन दिलीप दुबे ने कहा कि व्यवसायी केशव जालान उर्मिला सोनी के लिए भगवान बन कर आए, अगर उन्होंने इलाज कराने की जिम्मेदारी न ली होती तो उनका बचना मुश्किल था। उन्होंने कहा कि भविष्य में जब भी प्रयास का कार्यक्रम आयोजित होगा उसमें केशव जालान जी को बुलाकर सम्मानित किया जाएगा।