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सोनभद्र कार्यालय

सोनभद्र। डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन यानी डीएलएड का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हथियाने वाले दो सहायक अध्यापकों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने सोमवार की रात में मुकदमा दर्ज करा दिया। दोनों की तैनाती म्योरपुर शिक्षा क्षेत्र के अलग-अलग स्कूलों में थी। इसी क्षेत्र के दो अन्य शिक्षकों पर भी एफआइआर करायी जानी है। ये सभी एक साल पहले ही बर्खास्त किए जा चुके हैं। बर्खास्त शिक्षकों पर हुई इस कार्रवाई के बाद फर्जीवाड़ा करके नौकरी हथियाने वालों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। जिले के अन्य ब्लाकों में भी कुछ ऐसे शिक्षक मिले हैं। उनपर भी एफआइआर कराने की तैयारी है।

शिक्षा विभाग के अनुसार वर्ष 2016 में प्रदेश भर में 12460 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति हुई।

उसी समय जिले में नियुक्ति पाए शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करायी गई। जांच में पता चला कि म्योरपुर ब्लाक के कुल चार सहित जिले भर में कुल 17 शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी हैं। ऐसे में सभी को बर्खास्त कर दिया गया। म्योरपुर ब्लाक के परिषदीय स्कूल में तैनात शिव प्रकाश पाल, रूपचंद्र प्रजापति, नारायण सिंह व शिवसागर मिश्र को सितंबर 2019 में बर्खास्त किया गया। इन सभी पर एफआइआर के लिए बीएसए डा. गोरखनाथ पटेल ने खंड शिक्षा अधिकारी एसपी सहाय को पत्र भेजा था। उसी क्रम में बीईओ ने बीजपुर थाने में तहरीर देकर संचिराडांड़ में तैनात रहे नारायण ङ्क्षसह व नगराज स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात रहे रूपचंद्र प्रजापति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। बीजपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक श्याम बिहारी यादव ने बताया कि तहरीर के आधारपर धोखाधड़ी करके प्रमाणपत्र बनवाने और नौकरी हासिल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। नारायण सिंह फतेहपुर जिले के ग्राम रारी थाना किशुनपुर व रूप चंद्र प्रजपति प्रयागराज जिले के जसरा का निवासी है।

वर्ष 2016 में तैनात हुए शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करायी गई थी

वर्ष 2016 में तैनात हुए शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करायी गई थी। उसमें जिनके प्रमाणपत्र फर्जी मिले थे उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। बीजपुर थाने में दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। बाकी संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को कहा गया कि शीघ्र दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर रिपोर्ट दें।