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संवाददाता- मुकेश सोनी

म्योरपुर। मकरा में हुई मौतों पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए आईपीएफ के जारी धरने में इसकी जांच कराने की मांग की गई है‌। अनिश्चितकालीन धरने के 41वें दिन वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ जिले में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है वहीं आदिवासी ग्रामीण जहरीले पानी को पी कर बेमौत मर रहे हैं। मकरा में लोग इसी जहरीले पानी को पीकर असमय मृत्यु का शिकार हुए। इससे पहले बेलहत्थी के रजनी टोला में ऐसी ही मौतें हुई। इस पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया पर वहां एक अदद हैंडपंप तक नहीं मिला है। मानव अधिकार आयोग और एनजीटी ने जनपद में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई दिशा निर्देश दिए। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर शुद्ध पेयजल के लिए कहा लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला जनपद में करोड़ों रुपए का कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलटी का फंड है जिसका ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए। धरने में आईपीएस जिला संयोजक कृपाशंकर पनिका, मजदूर किसान मंच जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोंड़, मंगरु प्रसाद गोंड़, मनोहर गोंड़, ज्ञान दास गोंड़, बिरझन गोंड़, रामचंदर गोंड़, रामसुभग गोंड़, जगपत गोंड़, जगमोहन गोंड़ आदि लोग मौजूद रहे।