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सोनभद्र कार्यालय

सोनभद्र। राजनीति को समाजसेवा का माध्यम बनाने वाले पूर्व विधायक एवं प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित रामनाथ पाठक की 25 वीं पुण्यतिथि मौके पर सोमवार को परिवारीजनों, समाजसेवियों और कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोगों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उनके गृह ग्राम पसही स्थित आवास पर हुए आयोजन में वक्ताओं ने उन्हें साहस, संघर्ष और समाजसेवा की प्रतिमूर्ति बताया। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की। साथ ही, समाज सेवा के उनके संकल्पों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए जरूरत मन्द गरीब परिवारों को राशन सामग्री वितरित कर आत्मा के शान्ति की कामना करते हुए विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें जीवन यात्रा से जुड़े संस्मरण साझा करते हुए वक्ताओं ने को राष्ट्र, समाज और लोकतंत्र का सजग प्रहरी बताया। स्वाधीनता आंदोलन में उनके संघर्षों का जिक्र करते हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लल्लू राम पाठक ने कहा कि दक्षिण के पहाड़ कहे जाने वाले पंडित रामनाथ पाठक ने महात्मा गांधी की अगुवाई में चल रहे राष्ट्रब्यापी आंदोलन का नेतृत्व मिर्जापुर जनपद में किया। उन्होंने देश के लिए अपना जीवन समर्पित करते हुए स्वतंत्रता आंदोलनों में कई बार जेल यात्राएं कीं लेकिन उनका साहस कभी कमजोर नहीं पड़ा।
काशी हिन्दू विश्व विद्यालय के रजिस्ट्रार मार्कण्डेय राम पाठक ने कहा स्वाधीनता आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ ही देश की आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी से 1962 में राबर्ट्सगंज और 1967 में राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए लेकिन कभी सत्ता का दुरुपयोग नहीं किया बल्कि राजनीति को उन्होंने हमेशा समाजसेवा का माध्यम बनाया। बिना किसी भेदभाव के आम जन की सेवा में ताउम्र समर्पित रहे।

कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक कौशलेश पाठक के संचालन में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राजेश द्विवेदी,नामवर सिंह ,डॉ ओ पी मोर्य, अमरनाथ पांडेय,विनोद पाठक,सत्येंद्र पाठक,प्रभात सिंह , धीरज पांडेय,मृदुल मिश्रा, रामानंद पांडेय, दिनेश पाठक,यादवेंद्र पाठक,निगम मिश्रा, बंसीधर पांडेय,विवेक सिंह, आकाश वर्मा,सहित ग्रामवाशी उपिस्थित रहे