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सोनभद्र (डॉ परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव)

★’भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ पे हुआ “एनपीएस भारत छोड़ो”अभियान

★शिक्षक संगठनों ने भरी हुँकार, कहा पेंशन हमारा हक, लेके रहेंगे

★कल “ई-मेल टू पीएम/सीएम” अभियान के तहत भेजे गए थे हज़ारों मेल

सोनभद्र। पुरानी पेंशन बहाली व एनपीएस वापस लेने की माँग को लेकर सरकारी शिक्षकों ,अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा
देशव्यापी दो दिवसीय अभियान चलाया गया।
जिसमे सोनभद्र के शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा अभियान में बढ़-चढ़ कर सहभागिता की गयी व पुरानी पेंशन को बुढापे की लाठी बताते हुए उसे बहाल करने की अपील के साथ माँग पूरी होने तक आंदोलन करने की बात कही। संकुल प्रभारी एवं शिक्षक सौरभ ने जानकारी देते हुए बताया कि पुरानी पेंशन बहाली की माँग हेतु दो दिवसीय अभियान के तहत सोनभद्र के आठों विकास खण्डों के शिक्षकों व कर्मचारियों द्वारा आज ट्विटर के माध्यम से लाखों की संख्या में ट्वीट कर मांग रखी गयी। भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ के शुभ अवसर पर शिक्षकों द्वारा “एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो अभियान” अभियान चलाया गया जिसमें दोपहर बारह बजे से शाम 5 बजे तक लाखों की संख्या में ट्वीट किया गया जो दिन भर ट्वीटर पर ट्रेंड में रहा। इसके पूर्व दो दिवसीय अभियान के प्रथम दिन “ई-मेल टू पीएम/सीएम अभियान” के तहत शिक्षकों व कर्मचारियों द्वारा हजारों की संख्या में ई-मेल भेज पुरानी पेंशन बहाल की गुहार लगायी गयी।जनप्रतिनिधियों व जनमानस द्वारा भी मांग का समर्थन करते हुए पेंशन बाहली को मेल व ट्वीट किया गया। सौरभ ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण अभी सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से माँग की जा रही है। हालात सामान्य होने के पश्चात नए सिरे से रणनीति बना आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।

अटेवा ब्लॉक अध्यक्ष राजेश सिंह ने बताया कि
रक्षाबन्धन के पावन पर्व के दिन भी “पेंशन राखी अभियान” चलाया गया था जिसमे बड़ी संख्या में महिला शिक्षकों व कर्मचारियों द्वारा माननीय प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को राखी भेजने के साथ बदले में सुरक्षा हेतु पुरानी पेंशन का वचन गिफ्ट में मांगा गया था।
वहीं प्रा० शि० संघ घोरावल अध्यक्ष शिवशंकर ने कहा कि पुरानी पेंशन कोई भीख नही हम सभी का अधिकार है जिसकी बहाली तक ये आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।
संजय मिश्रा, रजनीश श्रीवास्तव, इन्दुप्रकाश सिंह, राजेश बैस, रंजना सिंह, उदय लहरी ने दो दिवसीय अभियान में हिस्सा लेने वालों शिक्षकों को धन्यवाद दिया।