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संवाददाता- (मुकेश सोनी)

● छापेमारी से निजी हॉस्पिटल संचालकों में मचा हड़कंप

● दर्जनों अस्पताल संचालक हॉस्पिटल का शटर गिरा हुए फरार

सोनभद्र। आज दोपहर में उप जिलाधिकारी रमेश कुमार की अगुवाई में सघन चेकिंग दस्ता टीम ने कस्बे के प्राइवेट नर्सिंग होम तथा अस्पतालों की चेकिंग और जांच अभियान चलाया। अस्पतालों की सघन चेकिंग जांच की जानकारी मिलते ही तमाम अस्पतालों के डॉक्टरों ने शटर गिरा कर चलते बने। जांच की कार्रवाई की खबर मिलते ही प्राइवेट अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया। जांच के दौरान टीम ने कस्बे के वार्ड नंबर 3 विंढमगंज रोड स्थित अस्पताल की जांच पड़ताल की गई, जिसमें अस्पताल की ओर से कोई डॉक्टर और कोई अस्पताल से संबंधित कागज दस्तावेज जांच अधिकारी के समक्ष नहीं प्रस्तुत कर सके,जिसके कारण मेट्रो अस्पताल को सीज कर दिया गया और 3 दिन के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिया गया।
उप जिलाधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि “उक्त अस्पताल में आशाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं का डिलीवरी कराए जाने का भी मामला जांच में सामने आया है। आशा गर्भवती महिलाओं का डिलीवरी सरकारी अस्पताल में ना करा करके कस्बे के प्राइवेट अस्पतालों में गुपचुप तरीके से कराए जाने का मामला भी प्रकाश में आया है ऐसे आशाओं के खिलाफ कार्रवाई हेतु निर्देश दिए गए हैं। उसके बाद कार्रवाई का क्रम कस्बे के एक अस्पताल में भी चला वहां पर डॉक्टर का बीएएमएस का पुराना प्रमाण पत्र पाया गया। जांच अधिकारी ने बताया कि उक्त डॉक्टर के द्वारा नवीनीकरण के लिए आवेदन किया हुआ है, उस अस्पताल को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष एक सप्ताह के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष रखे जाने का निर्देश दिया गया है, इसके अलावा किरबिल में भी अस्पताल की जांच की गई, वहां भी कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया उसके खिलाफ भी कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देश दिए गए है। वही अमवार मोड़ स्थित एक अस्पताल में भी छापेमारी की गई।”