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सोनभद्र कार्यालय/7007307485

● सोन साहित्य संगम ने आयोजित किया विचार एवं काव्य गोष्ठी।
● विद्वानों ने दिनकर जी के व्यक्तित्व कृतित्व पर डाला प्रकाश।
● कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता रहा है।

रॉबर्ट्सगंज (सोनभद्र ब्यूरो)। साहित्यिक संस्था सोन साहित्य संगम के तत्वाधान में जनपद मुख्यालय स्थित प्रधान कार्यालय चौहान कटरा, बरौली चौक में राष्ट्रीय भावनाओं के ओजस्वी गायक, लोक के प्रति निष्ठावान, सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति सजग जनसाधारण के प्रति निष्ठावान, राष्ट्र कवि के रूप में प्रसिद्ध, ज्ञानपीठ पुरस्कार से पुरस्कृत कवि/ लेखक रामधारी सिंह दिनकर ११२वी जयंती मीडिया फोरम ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी की अध्यक्षता, प्रसिद्ध कवि सुशील राही के मुख्य आतिथ्य एवं विंध्य संस्कृति समिति उत्तर प्रदेश के निदेशक वरिष्ठ साहित्यकार, सोनघाटी पत्रिका के प्रधान संपादक दीपक कुमार केसरवानी के विशिष्ट आतिथ्य साहित्य एवं काव्य गोष्ठी आयोजित हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ कवि दिवाकर मेघ विजयगढ़ी की सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम के कवि राकेश शरण मिश्र ने साहित्यकार रामधारी सिंह दिनकर के जीवन के अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए मां नामक कविता सुनाकर सबको द्रवित कर दिया।
शिक्षक एवं कवि सरोज कुमार सिंह ने दिनकर जी की सुप्रसिद्ध कृति भारतीय संस्कृति के चार अध्याय पर चर्चा करते हुए काव्य पाठ किया
नवागत कवि राकेश धर द्विवेदी ने भ्रष्टाचार और महंगाई पर अपने कविता के माध्यम से प्रकाश डालते हुए वर्तमान लॉकडाउन के पश्चात आर्थिक स्थिति की समीक्षा किया।
वरिष्ठ कवि हास्य कलाकार सुशील “राही” ने दिनकर जी की सुप्रसिद्ध कविताओं एवं साहित्य की चर्चा करते हुए गीतों के राजकुमार कहे जाने वाले सुप्रसिद्ध कवि स्वर्गीय गोपाल दास नीरज की टाइल में अपनी कविता को सुनाकर वाहवाही लूटी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार, हिंदू संस्कृति को समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट, सोनघाटी पत्रिका के प्रधान संपादक दीपक कुमार केसरवानी ने रामधारी सिंह दिनकर की सुप्रसिद्ध देशभक्ति कविता-
“कलम आज उनकी जय बोल, जला अस्थियां बारी-बारी । जिसने छिटकाई चिंगारी, चढ गए पुणयवेदी पर। बिना लिए गर्दन का मोल, कलम आज उनकी जय बोल” का काव्य पाठ किया, साहित्यकार रामधारी सिंह दिनकर के व्यक्तित्व- कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मीडिया फोरम ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने दिनकर जी के साहित्य संसार पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि-” दिनकर जी वीर रस के महान कवि थे और इन्होंने बड़े कम उम्र में ही अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था और वे अत्यंत साधारण परिवार के होते हुए भी उन्होंने अपने साहित्यक रचनाओं को देश के सामने रखा, इसके लिए इन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे समाजसेवी, अधिवक्ता, साहित्यकार राकेश शरण मिश्र ने दिनकर जी के साहित्य पर अपना विचार रखा। कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित अतिथियों द्वारा मां सरस्वती एवं दिनकर जी के चित्र पर माल्यार्पण कर, दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना से हुआ। और कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का आभार कार्यक्रम के संयोजक ने व्यक्त किया।