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सोनभद्र कार्यालय

सोनभद्र (प्रमोद गुप्ता)। वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने सरकार से मांग किया है कि जिस प्रकार से देश मे अन्य विधा के लोगों की सुविधाओं के लिए बने आयोग कार्य कर रहे हैं उसी प्रकार से पत्रकारों के लिए भी राष्ट्रीय पत्रकार आयोग (नेशनल जर्नलिस्ट कमीशन) का भी गठन होना चाहिए। जिससे अन्य आयोगों द्वारा लाभ पा रहे लोगो की भांति पत्रकारों को भी सुरक्षा आदि सुचारू रूप से मिल सके। श्री शास्त्री जी ने कहा कि पत्रकारों पर बढ़ते हमले एवं फर्जी मुकदमे को दृष्टिगत रखते हुए सरकार को जल्द राष्ट्रीय पत्रकार आयोग एवं पत्रकार सुरक्षा कानून व नेशनल जर्नलिस्ट रजिस्टर बनाना चाहिए, इसके साथ ही शास्त्री जी ने P.C.I का अधिकार बढ़ाने और इलैक्ट्रानिक मीडिया को दायरे में लाने के लिए एवं मीडिया काउंसिल बनाने की भी बात कही, पत्रकारों की हत्या एवं उनके ऊपर हो रहे हमले व फर्जी मुकदमो को रोकने के लिए भारत सरकार एवं देश की राज्य सरकारे तत्काल प्रभावशाली दिशा निर्देश जारी करें। देश के विभिन्न आयोग अपने अपने निर्धारित कार्य क्षेत्रों के तहत देशभर में कार्य कर रहे हैं और इनसे संबंधित लोग लाभान्वित भी हो रहे हैं लेकिन बहुत खेद व अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि पत्रकारों के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है? शास्त्री जी ने सरकार से पुनः मांग करते हुए कहां है कि उपरोक्त की भांति राष्ट्रीय पत्रकार आयोग का भी गठन किया जाए जिससे पत्रकारों को उनकी सुरक्षा आदि सुविधाएं मिल सके और पत्रकारों का कानूनी तौर पर परिभाषा भी तय हो सके। साथ ही श्री शास्त्री जी ने यह भी कहा कि इसी के साथ देश में नेशनल जर्नलिस्ट रजिस्टर, मीडिया काउंसिल एवं पत्रकार सुरक्षा कानून भी तैयार हो जाएगा। इससे यह लाभ होगा कि सरकारो द्वारा पत्रकारों के लिए चलाई गई कोई भी योजना पत्रकारों को नियम कानून के तहत मिल सकेगी। नहीं तो पत्रकारो को सही सुविधा मिलना बहुत कठिन हो जाएगा। पत्रकारों के लिए बने नियम कानून को कड़ाई से लागू होने के लिए बात कही, जिससे देश में संविधान रक्षकों, कलम के सिपाहियों, राष्ट्रप्रेमियों को सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को जनता तक एवं जनता की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। आँल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा भारत सरकार एवं देश के सभी राज्य सरकारों से बराबर पत्रकारों के हितो एवं समस्याओं व पत्रकारों के उत्पीड़न एवं उनके ऊपर हो रहे फर्जी मुकदमे व उनकी हत्या से संबंधित हो, चाहे कोरोना काल मे पत्रकारों के संकट का हो, P.C.I. के चुनाव कराने, पत्रकार एमएलसी का कोटा, नेशनल जर्नलिस्ट रजिस्टर बनाने की मांग हो, मीडिया काउंसिल एवं पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिए एसोसिएशन द्वारा प्रार्थना पत्र जरिये रजिस्ट्री के माध्यम से एवं देश के हजारों हजार सम्मानित अखबारो मे पत्रकारों की समस्याओं को प्रकाशन के माध्यम से व सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से उठाया जा रहा है।