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रामप्रवेश/बीजपुर

बीजपुर (सोनभद्र)। बीजपुर परिक्षेत्र में बेखौफ बालू माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि, वे देश का धरोहर कहे जाने वाले “रिहंद बांध” का भी दोहन करने से बाज नहीं आ रहे हैं जिससे रिहंद बांध के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराता नजर आ रहा है ।

ताजा मामला बीजपुर के सिरसोती ग्राम सभा का है जहां एनटीपीसी रिहंद परियोजना द्वारा लगभग 5 किलोमीटर सीसी रोड का कार्य एक कार्यदायी संस्था द्वारा करवाया जा रहा है जिसमें उच्च गुणवत्ता का बालू, मोरम, व सोलिंग गिट्टी रॉयल्टी के साथ लगाना है ।
पर अपने निजी लाभ के लिए उक्त कार्यदायी संस्था द्वारा रिहंद बांध का सीना चीर कर बांध के किनारे व तलहटी क्षेत्र से बालू का अवैध खनन करके रोड बनाया जा रहा है बारिश के दौरान निर्माणाधीन साइट पर बालू व मिट्टी कम ना पड़े इसके लिए ठेकेदार द्वारा बकायदा सैकड़ों ट्रैक्टर बालू व मिट्टी निर्माण स्थल पर डंप भी किया गया है ।
सूत्रों पर गौर करें तो अंधेरा होते ही दर्जनों ट्रैक्टरों की गड़गड़ाहट वन विभाग की जमीन सहित बांध के किनारे वह तलहटी क्षेत्र में सुनाई देने लगती है जो रात भर जारी रहती है । रात के अंधेरे में प्रतिदिन सैकड़ों ट्राली बालू रिहंद बांध का सीना चीर कर निकाला जाता है व दिन में उसी बालू से रोड का निर्माण किया जाता है ।

“ऐसा नहीं है कि प्रशासन, व जिम्मेदार विभाग को इसकी जानकारी नहीं है पर नोटों की गर्मी के आगे इनके कान बहरे हो जाते हैं” नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन व जिम्मेदार विभाग की मिलीभगत से ही अवैध खनन का यह कारोबार फल फूल रहा है अवैध खनन कर्ताओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि विरोध करने पर उनके गुर्गों द्वारा मारपीट किया जाता है ऊपर से प्रशासन भी उल्टा शिकायतकर्ता पर ही कार्यवाही की धौस दिखाता है । सोचने वाली बात यह है कि रिहंद जलाशय में अवैध खनन पर अदालत ने सख्त रोक लगा रखी है बावजूद इसके किसके शह पर यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है और आला अधिकारी मौन क्यों हैं यह समझ से परे है ।
इस बाबत प्रभागीय वनाधिकारी रेणुकूट व खनन अधिकारी सोनभद्र से जानकारी ली गई तो उन्होंने टीम भेजकर जांच कराने की बात कह कर मामला टाल दिया ।।