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सोनभद्र कार्यालय

सोनभद्र। जनपद सोनभद्र वाराणसी शक्तिनगर (पटवध) से नक्सल प्रभावित ग्राम पंचायत कंचछ, कन्हौरा, सिसनई, अमिलाधाम, बसुहारी होते हुए बिहार राज्य को जोड़ने वाली सम्पर्क मार्ग वन विभाग के विवादों की भेंट चढ़ता दिख रहा है। हिंदुओं के आस्था की देवी अमिला धाम को जाती यह सड़क बिहार राज्य को भी जोड़ने वाली मुख्य सड़क है। यह सड़क वन विभाग के कारण आंसू बहा रहा है ।इस सड़क का टेंडर पीडब्ल्यूडी द्वारा लगभग 18 महीने पहले 32 करोड़ में चुका है। जैसे ही ठेकेदार काम करने के लिए मेटेरियल गिरता है वनविभाग के अधिकारी अड़ंगा लगाने पहुंच जाते है। जनपद सोनभद्र के दर्जनों सड़के वन विभाग के विवादों की भेंट चढ़ा हुआ है। वही वन विभाग की भूमि पर अवैध बालू खनन,अवैध पत्थर खनन ,या अवैध भूमि कब्जा जोरो पर है यहाँ इनका जोर नही चलता क्यो ? सिर्फ सड़क न बन पाए इसमे सफल होने की भरपूर प्रयास करते है। जबकि सड़क से विकास होता है अच्छी सड़क होने से मुश्किले आसान हो जाती है स्वास्थ्य सुविधा ,शिक्षा सुविधा एव रोजगार का सृजन होता है फिर सड़को को बनने में अड़ंगा क्यो लगाते है।

जनपद सोनभद्र में पहले से बेरोजगारी मुँह खोले खड़ी है उसमें भी कंचछ पकरी कन्हौरा नक्सल प्रभावित रहा है। जहाँ की विकास के लिए अच्छी सड़कों का होना नितांत आवश्यक है। ग्राम पंचायत कंचछ के पूर्व प्रधान पुत्र व समाज सेवी श्यामाचरण उर्फ बबलू गिरी ने बताया कि जब नक्सलियों द्वारा मेरे घर को जलाया गया एव नक्सलियो का उपद्रव ज्यादा बढ़ गया तब उस समय के जिलाधिकारी पंधारी यादव, पुलिस अधीक्षक रघुबीर लाल जी के अथक प्रयास से पटवध बसुहारी सम्पर्क मार्ग बनवाया गया था। तथा सुरक्षा को देखते हुए सीआर एफ ट्रेनिंग कैम्प की स्थापना की गई थी ।उस समय भी वन अधिकारी अड़ंगा लगाए थे लेकिन जनपद के उपरोक्त दोनों आला अधिकारियो ने वन विभाग से एन ओ सी लिये थे ।अब यह सड़क टूट चुकी है राह चलना कठिन हो गया है आये दिन दुर्घटना होती है।

सरकार( पीडब्ल्यूडी) द्वारा सड़क चौड़ीकरण एव सुंदरीकरण के लिए 32 करोड़ का टेंडर पास हुआ है। बबलू गिरी ने बताया कि इस सड़क निर्माण के लिए ग्रामीण वन विभाग के प्रति आक्रोशित है अगर वन विभाग अड़ंगा लगाने से बाज नही आएगा तो वन विभाग के खिलाफ ग्रामीणों द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन होगा और इसके लिए जिम्मेवार वन अधिकारी होंगे । इसके लिए समाज सेवी बबलू गिरी, प्रधान ,ठेकेदार एव सीआरपीएफ कमांडडेड की मीटिंगों का दौर जारी है सभी ग्रामीण आलाधिकारी के सम्पर्क में है । सीआरपीएफ कमांडडेड के साथ जिले के आलाअधिकारी समस्या समाधान में लगे है।