– आखिर पिपरी पुलिस कब तक पत्रकारों के साथ करता रहेगा सौतेला व्यवहार
रेणुकूट(सोनभद्र)। पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव के कुशल निर्देशन में पुलिस महकमे द्वारा लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है तो वहीं कुछ पुलिस कर्मियों के कृत्यों से पुलिस अधीक्षक के साख पर बट्टा भी लग रहा है। लाॅकडाउन की आड़ में कुछ बिगड़ैल पुलिस वाले लोगों से जमकर बदसलूकी कर रहे हैं। ताज़ा मामला पिपरी थाने में तैनात एक एसआई द्वारा पत्रकार से दुर्व्यवहार किए जाने से जुड़ा है। बुधवार की शाम 15-20 लोगों को कोरेंटाइन के लिए मुख्यमार्ग से मुर्धवा में स्थित एक विद्यालय में ले जाया जा रहा था। उन लोगों के पीछे पुलिस की गाड़ी चल रही थी जिसमें एसआई बैठे थे। वी मार्ट के समीप एक हिंदी दैनिक के पत्रकार ने पैदल जा रहे लोगों के बारे में पूछा। इतना सुनते ही दारोगा आग बबूला हो गए। पत्रकार से अमर्यादित व्यवहार करते हुए वहां से भाग जाने के लिए कहा। उन्होंने अपनी बात रखते हुए उनसे कहा कि पत्रकार होने के नाते मैं आपसे सवाल पूछ सकता हूं। दोबारा दारोगा ने कहा कि भाग जाओ नहीं तो तुम्हारी खैर नहीं। पत्रकार ने पिपरी प्रभारी निरीक्षक अभय नारायण तिवारी को इस घटना से अवगत कराया और दोषी दरोगा को सामने बुलाने की मांग की। जिस पर प्रभारी निरीक्षक ने पत्रकार को समझाते हुए कहा कि इस मामले से क्षेत्राधिकारी पिपरी को अवगत कराया गया है। आप कल सुबह दस बजे आइए उसी समय दारोगा को बुलाएंगे। पीड़ित पत्रकार गुरुवार को प्रभारी निरीक्षक से मिलने का समय मांगते रहे लेकिन टालमटोल कर उन्होंने मिलने से मना कर दिया। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि पुलिस इस मामले की लीपापोती में जुट गई है। आरोपी दारोगा अब मुकर गया है। ऐसी किसी भी घटना से इंकार कर रहा है। लाॅकडाउन के दौरान स्थानीय पुलिस द्वारा आम लोगों से बदसलूकी किए जाने के कई मामले सामने आ रहे हैं। बीते 18 अप्रैल को पिपरी में हेरोइन बेचने वालों पर पक्ष लेने का आरोप पुलिस पर लगा। एक महिला सहित दो लोगों को हेरोइन बेचने के आरोप में लोगों ने पकड़ा और पुलिस को सूचना देकर मौके पर बुलाया। आरोप है कि पुलिस कथित हेरोइन विक्रेताओं को बचाते हुए मोहल्ले वालों को गलत सूचना देने पर डांट फटकार लगाने लगी। नगर पंचायत अध्यक्ष दिग्विजय सिंह समेत रहवासियों के दबाव में काफी मसक्कत के बाद आरोपितों को थाने ले जाया गया। लॉकडाउन के दौरान वाहनों के चेकिंग के क्रम में ऑनलाइन पेनाल्टी के नाम पर थाने के कुछ सिपाहियों ने कमाई का जरिया बना दिया है। मोटरसाइकिल और स्कूटर वालों की फोटो खींचकर पांच से छह हजार जुर्माना लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान काम धंधे बंद है। जिससे घर चलाना भी मुश्किल है। उसी में जरूरी काम से सड़क पर निकलने पर पुलिस फोटो खींचकर भारी भरकम जुर्माना लगा दे रही है। पिछले रविवार को रेणुकूट पुलिस चौकी के सिपाही द्वारा एक सफाई कर्मी को पीटे जाने का मामला प्रकाश में आया है। कुछ लोगों के बीच बचाव से मामले को पुलिस ने रफा दफा कर दिया। लोगों का कहना है कि देशभर में जहां पुलिस का मानवीय चेहरा उभर कर सामने आ रहा है। कोरोना के खिलाफ पुलिसकर्मी सड़कों पर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। वहीं पिपरी पुलिस के कुछ कर्मियों की वजह से विभाग की किरकिरी हो रही है। लोगों ने पुलिस अधीक्षक से ऐसे दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। इस बारे में पुलिस क्षेत्राधिकारी पिपरी विजय शंकर मिश्र का कहना है कि एसआई और पत्रकार का मामला मेरे संज्ञान में है। दुर्व्यवहार की कोई बात नहीं है। पिपरी प्रभारी निरीक्षक ने मामले का समाधान कर दिया है। अगर किसी बाइक वाले के पास कागज लाइसेंस का अभाव होगा या नियमों का पालन नहीं करेगा तो जुर्माना लगाया जाएगा।