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(सोनभद्र कार्यालय)

“हर तरफ़ खून के छीटें हैं , उधर मत जाओ” लाइन
रविवार को रॉबर्ट्सगंज में
सोन साहित्य संगम संस्था
द्वारा ‘ आलम स्मृति काव्य गौरव’सम्मान से सम्मानित
हुए कवि एवम शिक्षक सुशील राही अपने निज आवास पर आयोजित सम्मान समाहरोह में की जा रही लघु काब्य गोष्ठी में कही। हिन्दू – मुस्लिम एकता की मिसाल रहे आध्यात्मिक स्मारिका के प्रधान संपादक ‘यथार्थगीता’ के उर्दू अनुवादक शायर मुनीर बख़्श आलम की प्रथम पुण्यतिथि पर आलम साहब की स्मृति में सोन साहित्य संगम द्वारा चयनित वरिष्ठ कवि साहित्यकार सेवानिवृत्त शिक्षक सुशील राही जी का संस्था के निदेशक वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी, संयोजक कवि व अधिवकता राकेश शरण मिश्र, चयन समिति के अध्यक्ष भोला नाथ मिश्र ने माला,आलम स्मृति काब्य गौरव सम्मान, अंग वस्त्रम से सम्मानित किया।इस अवसर पर सुशील राही जी ने कहा कि इस सम्मान को पाकर में बहुत ही अभिभूत हूँ।और इसके लिए संस्था का आभार ब्यक्त करते हुए संस्था को अपनी शुभकामनाएं देता हूँ।इस कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के संयोजक राकेश शरण मिश्र ने सरस्वती वंदना से की। तत्पश्चात गजलकार शिव नारायण शिव ने “तन्हाई में बैठे अकेले दिल को समझाएंगे लोग, मैं ना रहूंगा तब मेरे इन गीतों को गायेंगे लोग’ को सुनाकर गोष्ठी में चार चांद लगा दिया। फिर संस्था के संयोजक राकेश शरण मिश्र ने “वतर्मान से अतीत हो गए,आलम तुम कहाँ खो गए’ सुनाकर मरहूम शायर आलम साहब की यादों को ताज कर दिया।और इसी क्रम में गोष्ठी में उपस्थित कवि दिवाकर द्विवेदी विजय मेघ गढ़ी,कवि परमेश्वर दयाल पुष्कर,विंध्य संस्कृति शोध समिति के निदेशक दीपक केशरवानी ने आयोजन में अपनी अपनी रचनाओं से लोगो को आनन्दित कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मीडिया फोरम ऑफ इंडिया ( न्यास ) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि आलम साहब सौहार्द के प्रतीक
थे।उनकी पहली पुण्यतिथि 10 जून को ही थी।लेक़िन कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि सोशल डिस्टेंसिंग
का पालन करते हुए चयनित साहित्यकार के घर पर चलकर उन्हें वहीं सम्मान दिया जाय।इसी क्रम में आज यह सम्मान का कार्यक्रम रखा गया है।अंत मे संस्था के संयोजक द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी कवियों व पत्रकारो का आभार ब्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ
पत्रकार शिक्षक भोलानाथ मिश्र ने किया।