सोनभद्र कार्यालय
★ स्वतंत्रता समारोह का हुआ आयोजन।
★ बालक तनव बंका ने किया ध्वजारोहण।
★ सोशल डिस्टेंस, फेस कवर, सेनीटाइजर का प्रयोग किया अतिथियों ने।
- अतिथियों को काढ़ा पिला कर कोरोना से लड़ने का दिया गया संदेश।
-स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और देश पर मर मिटने वाले सैनिकों को किया गया याद।
रॉबर्ट्सगंज (सोनभद्र)। 74 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर संस्कृति, साहित्य, कला के क्षेत्र में अनवरत दो दशकों से कार्यरत विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट, सोनघाटी त्रैमासिक पत्रिका एवं एवं परामर्श केंद्र के प्रधान कार्यालय पर स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समिति के निर्णयानुसार लीक से हटकर 5 वर्षीय बालक तनव बंका कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे और ध्वजारोहण कर सलामी लिया।
ट्रस्ट के निदेशक, साहित्यकार दीपक कुमार केसरवानी ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि-“आज के समारोह के हमारे मुख्य अतिथि बालक तनव बंका हैं और हमारे देश का भविष्य है, इसलिए हमें इनको आगे बढ़ाना चाहिए और अपनी संस्कृति, साहित्य, कला से परिचित कराना चाहिए। आज यह उचित अवसर है कि अपने बुजुर्गों के मध्य इन्होंने ध्वजारोहण किया और उनके विचारों को सुना, निश्चित रूप से भविष्य में इसे आत्मसात करेंगे। भावी पीढ़ियों को अपने इतिहास को हमेशा याद रखना चाहिए, इतिहास हमेशा हमें सबक सिखाता है और यह भी बताता है कि हमारे पूर्वजों ने त्याग, तपस्या, बलिदान देकर इस स्वतंत्रता को प्राप्त किया है। इसे हमें अनंत काल तक अक्षुण्ण बनाए रखना होगा और इसके लिए हमेशा हमें जागरूक रहना होगा, निरंतर जागरूकता ही स्वतंत्रता का मूल मंत्र है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज रॉबर्ट्सगंज के पूर्व प्रधानाचार्य शिवधारी शरण राय ने कहा कि-” कोरोना संक्रमण काल में हमें अपने प्रति, समाज के प्रति, देश के प्रति सजग रहना होगा और आज हम स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यह संकल्प लेना होगा कि हम कोरोना से लड़ेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-“हम आज 74 वां स्वतंत्रता दिवस कोरोना के भय संक्रमण में मना रहे हैं,लेकिन 15 अगस्त 1947 के पूर्व हमारा देश भी राजनीतिक संक्रमण काल से गुजर रहा था और हम अंग्रेजों के गुलाम थे, तमाम क्रांतिकारियों ने गोली खाकर, फांसी के फंदे पर चढ़कर, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अंग्रेजों से टक्कर
लेकर इस देश को आजाद कराया और आज हम अपने पूर्वजों के इस त्याग और बलिदान के कारण स्वतंत्र हवाओं में सांस ले रहे हैं इसलिए हमें अपने पूर्वजों की कुर्बानियों को हमेशा याद रखना चाहिए और ऐसा कार्य करना चाहिए कि आगे आने वाली पीढ़ी इनसे सबक लें और देश हित की ओर अग्रसर हो।
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कृष्ण मुरारी गुप्ता ने अपना विचार रखते हुए कहां की-“भारत माता के चरणों में अपना शीश कटाने वाले,मां को पराधीनता की बेड़ियों को से छुड़ाने वाली देशभक्त, क्रांतिकारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आज भले ही हमारे बीच सशरीर उपस्थित न हो, लेकिन उनके द्वारा किया गया बलिदान भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है और हमें अपने इतिहास को पढ़ना- लिखना और उसे उससे सबक सीखना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रख्यात कवि शिव नारायण “शिव” “सुशील राही” अमरनाथ “अजेय” अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण राय,समाजसेवी राधेश्याम बंका, मोहन लाल केसरी, हर्षवर्धन केसरवानी, आदिवासी लोककला केंद्र की सचिव, साहित्यकार प्रतिभा देवी, कवियित्री एवं शिक्षिका कुमारी तृप्ति केसरवानी सहित अन्य गणमान्य नागरिक सोशल डिस्टेंस फेस कवर के साथ उपस्थित रहे।