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● श्री प्रमोद जी महिला महाविद्यालय में हुई गोष्ठी
● सोनसाहित्य संगम की पहल

सोनभद्र कार्यालय/7007307485

सोनभद्र । सोनसाहित्य संगम सम्बद्ध सोनांचल नव निर्माण समिति और आईडियल जर्नलिस्ट
एसोसिएशन के बैनर तले मंगलवार को श्री प्रमोद जी महिला महाविद्यालय गोतौली रोड कुशहरा शाहगंज के सभागार में हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत विचार और कवि गोष्ठी का सफल आयोजन ऐतिहासिक साबित हुआ । आयोजन में वाराणसी सोनभद्र के जाने माने पत्रकारों
कवियों लेखकों , शिक्षविदों और समाजसेवियों ने अपने विचारों व रचनाओं से हिंदी भाषा के उन्नयन
के लिए अनमोल सझाव दिए। अध्यक्षता कर रहे मीडिया फोरम ऑफ इंडिया (न्यास) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी और मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत पूर्व शिक्षक साहित्यकार
ओमप्रकाश त्रिपाठी ने संस्कृति, संस्कार सभ्यता और चरित्र के लिए हिंदी भाषा को अपरिहार्य बताया।
गोष्ठी का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य अभ्यागतों द्वारा दीप प्रज्वलन से
हुआ। कवि सरोज सिंह के वाणी वंदना के बाद सोनसाहित्य संगम के संयोजक कवि राकेश शरण मिश्र एडवीकेट ने विषय स्थापना करते हुए अपनी रचनाओं के जरिए सभी का स्वागत किया। संस्था की ओर से लोकभाष के जाने माने कवि विशिष्ट अतिथि रहे जगदीश पंथी को ‘ हिंदी सेवी सम्मान ‘ से सम्मानित किया
गया।

महाविद्यालय के प्रबन्धक डॉक्टर सुधीर कुमार मिश्र ने
मिथिलेश द्विवेदी, ओमप्रकाश त्रिपाठी, जगदीश पंथी, सुशील राही, राकेश शरण मिश्र और पत्रकार भोलानाथ मिश्र को अंगवस्त्रम, स्मृतिचिह्न भेंट कर
माल्यार्पण किया। इसी क्रम में सोनसाहित्य संगम और आईडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष पत्रकार संतोष कुमार नागर और उनकी कार्यकारिणी की ओर से मिथिलेश द्विवेदी और भोलानाथ मिश्र को पूर्वांचल रत्न सम्मान से सम्मानीति किया गया।

सम्मानित हुए
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डॉक्टर सुधीर कुमार मिश्र , डॉक्टर परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव पुष्कर, संतोष कुमार नागर, राजेन्द्र कुमार मानव, अमरेश चन्द्र अम्बर, अरुण कुमार पांडेय, रामानुज धर द्विवेदी, सर्वेश कुमार श्रीवास्तव, रामरूप शुक्ल, आशुतोष सिंह पटेल, किशन पाण्डेय, डॉक्टर रमेश कुशवाहा, प्रमोद कुमार केसरी ऋषि झां आदि ।

कविता पाठ
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अपनी रचनाओं से जिन कवियों और शायरों ने सभागार में मौजूद हिंदी भाषा प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया था , उनमें शामिल थे, मशहूर गजल कार शिवनरायन शिव, जगदीश पंथी, सुशील राही, राकेश शरण मिश्र, मिथिलेश द्विवेदी मधुर गोरखपुरी , सरोज सिंह , अभिषेक मिश्र , नेत्र से दिव्यांग धर्मेंद्र खजुरौल गांव के जो ब्रेल लिपि में लिखी अपनी रचना पढ़ कर तालियों की गड़गड़ाहट बटोरे और सम्मानित भी किए गए, चन्द्र शेखर पाण्डेय प्रदेश व्यूरो ‘ नई पीढ़ी ‘ लखनऊ, अरुण पाण्डेय, वाराणसी से पधारे रामनरेश पाल , दिवाकर द्विवेदी मेघ विजयगढ़ी आदि।

अध्यक्षी उदबोधन
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सभी वक्ताओं के प्रश्नों का विन्दुवार जबाब देते हुए मिथिलेश द्विवेदी ने हिंदी को राज काज समेत न्यायालयी भाषा के रूप में व्यवहरित करने की पुरजोर वकालत करते हुए इसे राष्ट्रभाषा के रूप में पदास्थापित करने की
मांग की । कहा हिंदी ही विविधता में एकता स्थापित करने वाली एक मात्र वैज्ञानिक भाषा है। इस भाषा के विकास में साहित्यकारों पत्रकारों, फिल्मी कलाकारों, गायकों आदि का महत्वपूर्ण योगदान है। जोर दिया कि पहले
हमें अपने घर से हिंदी अपनाने और जीवन मे व्यवहरित करने की शुरुआत करनी पड़ेगी। विचार और कवि गोष्ठी का संचालन शिक्षक और पत्रकार भोलानाथ मिश्र ने किया।