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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व रामपुर से सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। यूपी जल निगम में इजीनियर, क्लर्क और स्टेनोग्राफर के 1300 पदों पर भर्ती मामले में आजम खान को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शुक्रवार को उनकी अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए उनकी अर्जी को खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि यह भर्ती उस वक्त हुई थी जब आजम खान शहरी विकास मंत्री थे। बता दें कि, 25 अप्रैल 20218 को इस केस में आजम खान के खिलाफ लखनऊ के एसआईटी थाने में भारतीय दंड सहिंता की धारा 409, 420, 120बी और 201 के तहत केस दर्ज हुआ था। इस मामले में शुक्रवार को आजम खान की अग्रिम जमानत याचिका की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई थी। सुनवाई करते हुए जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश मोहम्मद आजम खान की याचिका पर दिया है। बता दें कि आजम खान की इस याचिका पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और आईबी सिंह ने बहस की। याचिका में आजम खान को जमानत देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि आजम का वारंट पहले से उन्हें सीतापुर जेल में 19 नवंबर 2020 को दिया जा चुका है, इसलिए इस मामले में वह पहले से ही न्यायिक हिरासत में लिए जा चुके हैं। इस कारण से यह अर्जी विचार योग्य नहीं है। वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता संतोष कुमार मिश्रा ने आजम की अर्जी का जोरदार विरोध किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि आजम पहले से ही इस मुकदमे में न्यायिक हिरासत में है क्योंकि सक्षम अदालत ने 18 नवंबर 2020 को ही सीतापुर जेल में उन्हें वारंट भेज दिया था जो कि अगले दिन उन्हें सौंप भी दिया गया था।