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मनोज सोनी-(शक्तिनगर)

सोनभद्र। शक्तिनगर एनसीएल खड़िया प्रोजेक्ट में कार्यरत ओवरबर्डन कंपनी वीपीआर द्वारा किया जा रहा नियमों का उलंघन। एक तरफ पूरे विश्व भर में महामारी जैसी बीमारी करोना बहुत तेजी से अपना पैर पसार रहा है वहीं दूसरी तरफ वीपीआर कंपनी शासन के आदेश को ताक पर रखकर अपने मनमानी तरीके से कंपनी चलाना चाहता है वही कंपनी ने उड़ीसा से बुलाया लगभग 18 मजदूर जो कि परिक्षेत्र में लोगों को दे सकता है करोना जैसे भयानक बीमारी। वहीं दूसरी तरफ विस्थापितों का लगातार शोषण कर रहा वीपीआर कंपनी एनआईटी के समझौते के बाद भी विस्थापित व क्षेत्रीय बेरोजगारों को लगभग 80% पहले विस्थापितों को नौकरी देने के प्रावधान है लेकिन कथित नेता व लोगों को कोटा के माध्यम से रोजगार नही देकर धन उगाही का भी काम किया जाता है सूत्रो के अनुसार अगर विस्थापित रोजगार मांगने कंपनी में जाता है तो उन्हें डरा धमका कर भगा दिया जाता हैं।

आखिर क्यों कार्रवाई नहीं करता जिला प्रशासन, इस वीपीआर कंपनी पर शासन के आदेशों को ताक पर रखकर सारा कार्य कर रहा है, चाहे वह ओबी डंप हो चाहे विस्थापित गांव से 500 मीटर दूरी पर ओबी डंप होना चाहिए लेकिन केवल 50 मीटर की दूरी पर ओवी की मिट्टी डंप कर रहा है लाखों विस्थापितों परिवारो को मौत को मुंह में धकेला है और बाहर से बुलाकर लोगों को दे रहा नौकरी यहां के युवा बेरोजगार सारा कुछ देने के बाद भी बेरोजगार पड़े है आखिर कब होगी कार्यवाई, जनता जानना जाहती है, अपने शासन प्रशासन से।