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राजाराम/ म्योरपुर

सोनभद्र। म्योरपुर वन क्षेत्र अंतर्गत बेशकीमती लकड़ियों का मिलने का सिलसिला आज भी जारी है बताते चले कि कुछ दिन पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य चांद प्रकाश जैन द्वारा शिकायत किए जाने पर मुख्य वनरक्षक लखनऊ द्वारा टीम गठित कर काचन जंगल में लकड़ियों के ठूट का जांच किया गया जिसमें सौ से ऊपर लकड़ियों का ठूट मिला जिसमें वन संरक्षक लखनऊ ने सख्त में आकर तीन दिनों तक जांच टीम जांच में जुटी रही जिसमें जांच द्वारा म्योरपुर रेंजर सहित तीन बन कर्मियों को निलंबित कर दिया गया वही वन प्रभाग रेणुकूट को निर्देशित करते हुए हर सप्ताह सभी रेंज ऑफिस में अवैध कटान व वैध को लेकर साप्ताहिक ब्यौरा भेजना होगा। कडाई के बाद वन प्रभाग रेणुकूट समेत पूरे रेंज में हड़कंप मच गया। इतनी बड़ी भ्रष्टाचार की पोल खुलने के बाद डीएफओ ने कमान अपने हाथों में ले ली और लगातार म्योरपुर काचन गांव समेत अन्य जगहों पर मुखबिर की सूचना पर छापेमारी की जा रही है सूत्रों की मानें तो अब तक छापेमारी में लगभग 17 टै्रक्टर सागौन साखूं प्रजाति की लकड़ी बरामद की जा चुकी है जिनकी कीमत लाखों की है डीएफओ की टीम द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी से वन माफियाओ का इस समय क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग द्वारा पौधारोपण में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है यदि उनकी भी जांच करा दी जाए तो उनमें भी बड़ा घोटाला सामने आ सकता है बरहाल रेणुकूट बन प्रयाग लगातार छापेमारी कर अवैध कटान की गई लकड़ियों को बरामद करने में जुटा हुआ है लेकिन सवाल उठता है कि आखिर जो काम लखनऊ की टीम द्वारा की गई वह जांच स्थानीय वन अधिकारी द्वारा पहले क्यों नहीं किया गया यदि समय रहते पहले से कार्रवाई की गई होती तो शायद जंगल बच जाता तथा लकड़ी तो बरामद किया जा रहा है लेकिन लकड़ी काटने वाले वन माफिया अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं जिनको सलाखों के पीछे भेजे बिना अवैध कटान को रोक पाना संभव नहीं है। जो आज बन रेंज में म्योरपूर क्षेत्र को जंगलों का कंकाल होने से रोका जा सकता था।