Loading

राजाराम (म्योरपुर)

सोनभद्र। म्योरपुर रेंज अंतर्गत ग्राम काचन के जंगल में बेशकीमती लकड़ियों की अवैध कटान को लेकर तीन दिनों तक जांच करने के बाद वनरक्षक प्रमुख लखनऊ टीम वापस चली गई तीन दिनों तक विस्तृत जांच करने के बाद भी कई कमपार्ट नंबर शेष रह गए अब तक हुई जांच को लेकर जांचटीम भी हैरान थे ।दबी जुबान से अधिकारी भी स्वीकार किए कि ऐसा कटान उन्होंने पहले कभी नहीं देखा आपको बता दें कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भाजपा चांद प्रकाश जैन की शिकायत पर प्रयाग रेणुकूट अंतर्गत म्योरपुर रेंज का काचन जंगल की जांच करने वनरक्षक लखनऊ पंकज मिश्रा अपनी टीम लेकर बुधवार को आए और उसी दिन से शुक्रवार तक खुद एक एक पेड़ को देखा और रिपोर्ट में शामिल किया पहले ही दिन जिस तरह से जंगल में बंदर का खेल उजागर होने लगा उसी दिन से अधिकारी को यह भरोसा हो गया कि यदि और जांच की जाए तो शायद और भी मामले सामने आ सकते हैं। इसी कड़ी में वनरक्षक लखनऊ की टीम दो दिनों तक रुकने का प्लान तैयार किया अधिकारियों को ग्रामीणों द्वारा भी लगातार शिकायत मिल रही थी कि लगभग जंगल में पांच सौ से अधिक बेशकीमती पेड़ों का कटान हुआ है सूत्रों की मानें तो जांच केवल काचन जंगल के खटा बरन कंपार्ट नंबर 8 में हुई है जहां से अधिक बेशकीमती पेड़ के विशालकाय कटान के खूट्टे पाए गए खटाबरन के बाकी कंपार्ट और हरहोरी, करकोरी, गढ़िया कंपार्टमेंट में खनन और कटान की जांच नहीं हो सकी जांच टीम ने अब तक मिले आंकड़ों के आधार पर यह मान लिया कि ग्रामीणों का दावा सही होगा यदि पूरी कंपार्टमेंट जांच हुई तो पांच सौ से अधिक का कटान सामने आ सकता है सोनभद्र में अब तक के सबसे बड़े जांच को लेकर सूत्रों में भी चर्चा शुरू हो चुकी है पूर्व के रेंज अफसर से लेकर एसडीओ व डीएफओ तक सकते में है । बता दें कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भाजपा चांद प्रकाश जैन खबर 24 को बताया कि जिस तरह से पूरी ईमानदारी से जांच हुई है उसे उम्मीद है कि अब तक के वन विभाग में सबसे बड़ी कार्रवाई होगी उन्होंने बताया कि वे पूर्व में कई बार स्थानीय प्रशासन को शिकायत कर चुके थे लेकिन हर बार अनदेखी की जा रही थी जिसके बाद उन्होंने मंत्री व उच्च अधिकारियों को अवगत कराया था उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है और इस सरकार में भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्तमान ही नहीं पूर्व के तैनात अधिकारियों पर भी गाज गिर सकता है बाहर हाल मेवारपुर भले ही सोनभद्र का काफी पिछड़े ब्लॉक में शामिल है मगर यहां की बेशकीमती लकड़ियां कई बड़े घरों की शोभा बढ़ा रही है यहां तक कि यहां से लकड़ियों को बाहर अन्य जगहों पर भी भेजा जाता है अब देखने वाली बात यह है कि जब जांच रिपोर्ट आती है तो इसकी जांच कितने चौखट तक पहुंचती है यह जांच होने के बाद ही पता चलेगा।