सोनभद्र कार्यालय
– राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा एवं हरीशचंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में सप्तदिवसीय कार्यशाला के आयोजन का हुआ शुभारम्भ।
ओबरा(सोनभद्र)। आज दिनांक 25 जून 2020 को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा सोनभद्र एवं हरिशचंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में एक सप्त दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।इस कार्यशाला का शीर्षक ई कंटेंट डेवलपमेंट फॉर ऑनलाइन टीचिंग एंड लर्निंग नीड ऑफ द आवर हैं।
यह कार्यशाला दिनांक 25 जून 2020 से 01 जुलाई 2020 तक चलेगी।आज के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर टीएन सिंह कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें ई-कन्टेण्ट बनाने में किसी की नकल नहीं करनी चाहिए बल्कि मौलिक कंटेंट बनाना चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि कंटेंट में नीरसता ना हो और यह गुणवत्ता पूर्ण हो साथ ही श्रोताओं से विचारों का आदान प्रदान करने की व्यवस्था भी ऑनलाइन टीचिंग में रखने की आवश्यकता है। साथ ही यह भी कहा कि इस व्यवस्था में विद्यार्थियों से अधिक शिक्षक को पढ़ने की आवश्यकता होगी।
विशिष्ट अतिथि डॉ बी एल शर्मा सहायक निदेशक उच्च शिक्षा निदेशालय प्रयागराज ने कहा कि भारत को इस दिशा में अभी बहुत कार्य करना है उन्होंने ई-कन्टेण्ट के तरीकों और विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला आज के मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर अरविंद कुमार झा डीन स्कूल आफ एजुकेशन एवं विभागाध्यक्ष शिक्षा शास्त्र विभाग बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ ने ई-कन्टेण्ट बनाने की संपूर्ण प्रक्रिया कोअपने पीपीपी मॉडल के द्वारा बड़े ही विस्तार से समझाया ।हमें तकनीक से डरने की आवश्यकता नहीं है बल्कि उससे निरंतर जूझने की आवश्यकता है। सब कुछ सीखा जा सकता है। उनका कहना था कि भविष्य में हम सभी को ई लर्निंग की आवश्यकता होगी।
इसलिए अभी से हमें सीखने की प्रक्रिया में लग जाना चाहिए। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत प्राचार्य डाक्टर ओमप्रकाश सिंह ने किया। संचालन डॉक्टर अनिल प्रताप सिंह विभागाध्यक्ष वाणिज्य ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर प्रमोद कुमार प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा ने किया। तकनीकी सत्र में स्वागत डॉक्टर प्रदीप कुमार पांडे और धन्यवाद डॉक्टर सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ अशोक कुमार सिंह डॉक्टर उदयन मिश्र एवं महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक जुड़े रहे।टेक्निकल सपोर्ट डॉ साधना प्रजापति ने किया। इस कार्यशाला में पूरे देश से कुल लगभग 2500 लोगों ने पंजीकरण कराया है ।यह कार्यशाला 1 जुलाई 2020 तक चलेगी।