चिंता: डेंगू ने सोनभद्र में तेजी से पसारा पांव, सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा प्राइवेट में मरीजों की भीड़

 चिंता: डेंगू ने सोनभद्र में तेजी से पसारा पांव, सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा प्राइवेट में मरीजों की भीड़

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सोनभद्र कार्यालय

◆ डेंगू से बढे नारियल पानी, कीवी, सहित अन्य फलों के दाम
◆ बकरी पालने वालो की बल्ले-बल्ले, दूध की बढ़ी मांग

सोनभद्र। मौसमी बुखार के बीच जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या आये दिन बढ़ती ही जा रही है। डेंगू मरीजों की सरकारी अस्पतालों से कही अधिक भीड़ निजी पैथोलॉजी व प्राईवेट अस्पतालों में दिख रही है। जिले में प्लाजमा व प्लेटलेट्स की व्यवस्था न होने के चलते लोग कार्ड से हुई जांच में पॉजिटिव आने के बाद दूसरे जिलों तक दौड़ लगा रहे हैं मरीज। स्वास्थ्य विभाग के पास निजी अस्पतालों वे पैथोलॉजी में जांच व इलाज कराने वालों का कोई डेटा नहीं है। डेटा न होने से ऐसे लोगों के घरों तक सरकारी सहायता भी नहीं पहुंच पा रही है। बता दूं कि सरकारी हों या निजी अस्पताल हर जगह बुखार, सर्दी-जुकाम पीड़ित मरीजों की भरमार है। बुखार ऐसा है कि दो दिन में ही मरीज का प्लेटलेट्स तेजी से घट रहीं हैं। जिले के एक निजी हॉस्पिटल के अतरिक्त कहीं भी प्लेटलेट्स की व्यवस्था नहीं है। बताते चलें कि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में पिछले चार महीने से ब्लड से परेशान यूनिट की मशीनें अपने डिब्बों से भी नहीं निकल पाई हैं। ऐसे में लोग बुखार आने पर निजी चिकित्सालयों का सहारा ले रहे हैं। यह लोग जांच भी प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटरों पर करा रहे हैं। कम ही लोग ऐसे हैं जो जिला अस्पताल व सीएचसी पर जांच कराने पहुंच रहे हैं। सरकारी अस्पतालों पर जितने लोग इलाज कराने पहुंच रहे हैं उससे कई गुना ज्यादा लोग निजी अस्पतालों पर जा रहे हैं। निजी जांच केंद्र मरीज के डेंगू पॉजिटिव मिलने पर उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को नहीं दे रहे हैं। जबकि सीएमओ ने ऐसे सभी संचालकों को तत्काल ऐसे मरीजों की सूचना अपने क्षेत्र के जिला मलेरिया अधिकारी को देने का निर्देश है। सूचना न होने के चलते ऐसे मरीजों के घर व गांव में न तो रैपिड रिस्पांस टीमें पहुंच रही हैं और न ही एंटी लार्वा दवाओं का छिड़काव हो पा रहा है। स्थिति तो यह है कि इन दिनों जिले का कोई गांव या घर ऐसा नहीं होगा जहां बुखार पीड़ित मरीज न होें। डेंगू हो या न हो लेकिन दो दिन के बुखार में प्लेटलेट्स 30 से 35 हजार तक पहुंच रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो आज एलाइजा रिपोर्ट में चार डेंगू मरीज पाए गए हैं, इसी के साथ अब तक जिले भर में एलाइजा टेस्ट में डेंगू पॉजिटिव पाए गए मरीजों की संख्या 160 पहुँच गयी हैं। जबकि हकीकत इसके ठीक उलट है। यहां तो हर रोज निजी जांच केंद्रों पर कार्ड से हो रही जांच में कई दर्जन मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।

(शासन व्दारा यह है नियम)

शासन की ओर से जारी निर्देश के अनुसार जिले में संचालित सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के अलावा पैथोलॉजी सेेंटर पर डेंगू पॉजिटिव के संभावित व कन्फर्म मरीज मिलने पर इसकी सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को दी जाए। इसके लिए विभाग की ओर से मलेरिया विभाग को जिले में संचालित अस्पताल व पैथोलॉजी सेंटरों की नियमित जांच व समन्वय स्थापित कर प्रतिदिन की सूचना लेने को भी कहा गया है। बावजूद इसके अब तक इस ओर कोई भी ठोस पहल नहीं किया गया है और हर रोज सैकड़ों की संख्या में ऐसे मरीज मिल भी रहे हैं। ऐसे में डेंगू संक्रमित मरीजों के घरों पर निरोधात्मक कार्यवाही भी नहीं की जा रही।

(इन दिनों चल रहा संचारी माह)

इन दिनों संचारी माह भी चल रहा है, इस दौरान सभी गांव की आशा, संगिनी, आंगनबाड़ी व एएनएम को अपने क्षेत्र के सभी गांवों पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। इनकी जिम्मेदारी है कि वे गांव में बुखार पीड़ित मरीजों की जानकारी तत्काल अस्पताल अधीक्षक को देते हुए उनके यहां एंटी लार्वा का छिड़काव कराएं लेकिन ऐसा जिले के किसी क्षेत्र में नियमित नहीं हो रहा। वहीं संचारी माह में भी साफ-सफाई नहीं हो पा रही है। सिर्फ ऐसे ही गांवों में एंटी लार्वा दवाओं का छिड़काव व साफ-सफाई हो पा रही है जहां एक से अधिक मरीज पॉजिटिव मिल रहे हैं और वहां जिला स्तरीय टीम पहुंच रही है सीएमओ डॉ0 रमेश सिंह ठाकुर ने कहा कि सभी सीएचसी पीएचसी अधीक्षकों को अपने क्षेत्र के निजी हॉस्पिटलों और पैथोलॉजी सेंटरों से संभावित डेंगू मरीज की रिपोर्ट मंगाने का निर्देश दिया गया है जिससे संभावित मरीजों का एलाइजा टेस्ट कराया जा सके। उन्होंने कहा कि इस मामले यदि अधीक्षकों, निजी हॉस्पिटलों और पैथोलॉजी से सेंटरों की तरफ से रिपोर्ट भेजने में लापरवाही की जाएगी तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

(डेढ़ से दोगुना बढ़ गए फलों के दाम)

लोगों का मानना है कि डेंगू की चपेट में लगातार गिर रही प्लेटलेट्स को रोकने में बकरी दूध, नारियल पानी, कीवी, पपीता व मुसम्मी फल लाभदायक होते हैं। डेंगू का कहर बढ़ने के साथ दुकानदारों ने इनका दाम बढ़ा दिया है। बाजार में 15 दिन पूर्व तक 50 से 60 रुपये में मिलने वाला नारियल अब 70 रुपये में मिल रहा है। इसी तरह पहले जहां 100 रुपये में चार कीवी मिलती थीं वहीं अब यह महज तीन मिल रही है। मुसम्मी भी 40 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो तो पपीता 40 रुपये से बढ़कर 50 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।


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