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वाराणसी। ढाब क्षेत्र में एक बार फिर खनन का मामला गरमा गया है। और हाईकोर्ट तक पहुँच गया है। बता दें कि इन दिनों ढाब क्षेत्र के मुस्तफाबाद व चाॅदपुर के आंशिक भाग रेतापार में पोकलेन मशीनों के द्वारा सोता नदी के तट से लेकर रिहायशी इलाके तक 7 से 10 फिट गहरा बालू मिश्रित मिट्टी का खनन किया जा रहा है। ढाब क्षेत्र में खनन से होने वाले नुकसान को देखते हुए वहाँ किसी भी प्रकार के खनन पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय प्रयागराज में जनहित याचिका दाखिल की गई है। ढाब क्षेत्र के स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार यादव नें हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक कुमार चौबे के माध्यम से जनहित याचिका दाखिल करते हुए बताया कि ढाब क्षेत्र में खनन से वहाँ के गावों का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहाँ है।और माननीय उच्च न्यायालय नें सन् 2013 में दाखिल एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए ढाब क्षेत्र में खनन पर रोक लगाया था।
गौरतलब है कि उसके बाद भी जिला प्रशासन नें सन् 2017 में खनन का परमीशन जारी किया था। और वर्ष 2020-21 में भी ढाब क्षेत्र में खनन का परमीशन जारी किया है। ढाब क्षेत्र के गावों की आबादी लगभग एक लाख के करीब है जो चारों तरफ से गंगा नदी व उसकी उपधारा सोता नदी से घिरी हुई है। लगभग हर वर्ष बाढ़ आनें के कारण किसानों की उपजाऊ भूमि नदी में कटती चली जा रही है। भूमि कटान से काफी किसान भूमिहीन हो गये हैं। और ढाब से पलायन कर रहे हैं। ढाब क्षेत्र में इन दिनों मिट्टी का खनन बहुत तेजी से हो रहा है। खनन बड़ी बड़ी मशीनों से 7 से 10 फिट गहरा किया जा रहा है। जो सोता नदी के तट से लेकर रिहायशी इलाके तक किया जा रहा है।जिसकी शिकायत जिला प्रशासन से की गयी तो पता चला कि बभनपुराॅ के पास रिंग रोड फेज-2 बनाने का काम चल रहा है।और गैमन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को खनन का परमीशन दिया गया है।ढाब क्षेत्र में खनन का परमीशन देते समय जिला प्रशासन नें माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करते हुए ढाब क्षेत्र में खनन से होंने वाले दुष्प्रभाव और वहाँ की भौगोलिक स्थिति का स्थलीय सर्वेक्षण भी नहीं किया। और परमीशन जारी कर दिया। जबकि बाढ़ के दौरान ढाब क्षेत्र के ग्रामीण उँचाई वाले स्थान पर जाकर शरण लेते हैं। परन्तु खनन इस कदर किया जा रहा है कि उँचाई वाला स्थान नदी के तल बराबर हो गया है। खनन से ढाब क्षेत्र के ग्रामीणों पर दिन पर दिन संकट गहराता जा रहा है। जिसे देखते हुए माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज में जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसमें मंगलवार को माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज के चीफ जस्टिस कोर्ट में सुनवाई हुयी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिषेक कुमार चौबे नें पक्ष रखते हुए डबल बेंच की अदालत को बताया कि ढाब क्षेत्र चारों तरफ से गंगा नदी व उसकी उप धारा सोता से घिरा हुआ है। और वहाँ खनन होंने से वहाँ के निवासियों का अस्तित्व खतरे में है। वहाँ एक लाख की आबादी निवास करती है। जिसका जीवन खतरे में है। माननीय न्यायालय वहाँ पूर्व में भी खनन पर रोक लगाने का आदेश दे चुका है। परन्तु खनन जारी है। अदालत नें याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की दलीलें सुनी। प्रतिवादी के अधिवक्ता अपना पक्ष रखनें के लिए अदालत से समय माँगा है।अदालत ने प्रतिवादी का भी पक्ष सुनने के लिए अगली तिथि 08 मार्च 2021 निर्धारित की है।