मिथिलेश प्रसाद व्दिवेदी-(वरिष्ठ पत्रकार)
सोनभद्र । श्रम की शिक्षा दे बच्चों को , दूर करेगी वह बेकारी ,
युग का नव निर्माण करेगी , युग के साथ बदलती नारी । युग के साथ अपने को बदलने वाली अमृता सिंह 2009 में ही म्योरपुर
शिक्षा क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल में उस सत्य को चरितार्थ कर दी थी कि ‘ चिराग हूँ , जहाँ भी रहूँगा , रोशनी लुटाऊँगा ‘ । घोरावल शिक्षा क्षेत्र के ओदार गाँव के प्राथमिक विद्यालय में आई तो
अपने शिक्षण कौशल को रुचि बना चुकी सहायक अध्यापिका
नौनिहालों को सिखाने में अपना
शतप्रतिशत दिया । अपने कर्तव्य
को सबसे ऊपर रखने की आदी
अमृता के लिए ग्रीष्मावकाश कोई मायने नही रखता । पूछने
पर बताई की ,
” आँधियाँ प्रचण्डतम चलीं
हम पहाड़ से रहे अड़े ” ।
इसी क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल ओड़ाहथा में 2015 में आई तो
फिर अपनी लगन मेहनत से इसी
विद्यालय को 2018 में अंग्रेज़ी
मीडियम बनाने के लिए ऐसे
वातवरण को सृजित कर दिया
जिसके कारण जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखनाथ पटेल
ने निर्णय ले लिया । ओड़ाहथा
प्राइमरी स्कूल जिले में शिक्षण और शिक्षणेत्तर गतिविधियों के
लिए सामाजिक चेतना का केंद्र
भी बन जाएगा , इसकी उम्मीद
सहायक बेसिक शिक्षा
अधिकारी उदयचंद राय को थी कि नही यह तो कहना कठिन है
लेकिन कोरोना वायरस जनित वैश्विक महामारी के इस दौर में
जहाँ तमाम कर्मचारी बहाना
बनाकर तीन पाँच कर रहे थे ।
तमाम शिक्षक जून माह में अपने
गृह जनपद से ऑन लाइन लर्निग
टीचिंग कर रहे थे , वहीं अमृता
कोरोना से बचाव के लिए शासन
और प्रशासन तथा विभागीय निर्देशों के पालन करने और अभिभावकों को सावधानियां
बरतने के लिए आग्रह ही नही
कर रही थी बल्कि साबुन , मास्क
आदि का वितरण भी कर रही
थी । असहायों को खाद्यान किट्स शिक्षकों के सहयोग से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ गर्मी
के अवकाश में करती रही ।
ऐसे मिली क़ामयाबी
…………………
अमृता कहती है , ‘ एक फाइटर
पायलट जब अपने टारगेट को हिट करने के लिए उड़ान भरता है
तो पूरी एयरफ़ोर्स की टीम उसकी
सहायता करती है । मेरे साथ भी यहीं है । बीएसए , एबीएसए , प्रधान , अभिभावक , बच्चे , मीडिया और क्षेत्र के लोग सपोर्ट
कर ते हैं ।