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सोनभद्र ब्यूरो कार्यालय
● आज नया केस आने के बाद एक्टिव केस पहुंचा 505
सोनभद। कोरोना का जन्म कहां से हुआ आज तक यह किसी को पता नही चल पाया, हालांकि 2020 का सफर कैसे कोई भूल सकता है। साल भर निकल गये मास्क, सेनेटाइजर व डिस्टेंस में ही। सारी परिस्थितियां झेलने के बाद जब थोडा राहत हुआ तो जनता ने मास्क, सेनेटाइजर व डिस्टेंस को मजाक समझ दूरियां बनाना शुरू कर दिया, पर सरकार बार-बार याद दिलाता रहां कि कोरोना को भगाना है तो मास्क अपनाना है। पर किसी ने इस पर ध्यान न देकर बेखौब की जिंदगी जिने लगे, उसका नतीजा पुनः 2021 में उससे कही ज्यादा प्रचंड रूप में दिखना शुरू हो गया। जो 2020 को भी पिछे छोड सकता है। हालांकि 2021 का सिलसिला दिल्ली, मुम्बई, नागपुर जैसे बडे शहरों से शुरू हुआ। वही यहा से प्रवासी मजदूरों के लौटने के बाद यूपी के कई हिस्सो में इसका असर काफी हद तक पडता दिखाई दे रहा। यूपी के लखनऊ, प्रयागराज व वाराणसी में जहां कोरोना ने अपनी कहर से प्रतिदिन पाव पसार रहां है जिसके बाद यहा नाईट कर्फ्यू की शुरूवात किया जा चुका है। बता दूं कि इन जनपदों के बाद औद्योगिक क्षेत्र कहां जाने वाला पूर्वांचल का जनपद सोनभद एक अलग ही अद्योगिक की दुनिया में पहचान बना चुका है हालांकि यह आदिवासियों के लिए भी जाना जाता है। कोरोना की काली साया ने इस जनपद को भी अपने चपेट मे ले लिया है जहां कोरोना के केस प्रतिदिन बढ़ता दिख रहां है सोनभद में शुक्रवार को जहां 77 मरीज पाये गये थे वहीं शनिवार को 93 मरीज, रविवार को कोरोना ने शतक पार कर 136 पर ब्रेक लिया। लिहाजा 3 दिन के मिले आकड़ो के हिसाब से म्योरपुर ब्लाक सबसे पहला स्थान व दूसरे पर मुख्यालय राबर्ट्सगंज है। इन बढते केस को देख आखिर जिम्मेदार किसको ठहराया जाय, स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन या फिर खुद को। फिलहाल अब भी इस पर कडाई नही बर्ति गई तो 2021 का सफर कही ज्यादा फयानक हो सकता है। इसलिए खुद को जितना हो सके सुरक्षा के कटघरे में डाले। क्योकि जान है तो जहान है।
(तिखी बात नो बकवास, सुरक्षा है जरूरी)
● सरकार इस समय जनता को वैक्सीन लगवाने को लेकर पुरी तरह से जोर दिया है। हर ब्लाक स्तर पर मौजूद सरकारी चिकित्सालयों पर कोरोना से बचाव हेतु यह डोज दिया जा रहां है। परंतु वही कुछ लोगों का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना पिछा नही छोड रहा है। बता दूं कि वैक्सीन कोई अमृत नही जो लगवाने के बाद अमर हो जायेंगे, यह एक हमारे व आपके विश्वास की डोज है, इसका भी एक उचित सीमा निर्धारित कि गयी है। अगर आप डोज के बावजुद भी सावधानी नही बरते तो कोरोना आपको अपने गिरफ्त में ले सकता है। सबसे बडा वैक्सीन मास्क है। सूत्रो के माने तो दूसरी डोज के 15 दिनो बाद यह दवां वायरस से लडने की क्षमता रखता है। अगर पहले डोज के बाद कोरोना होता है तो सावधानी बरत निगेटिव आने के बाद ही डां से परामर्श लेकर दूसरी डोज लगवाये।