● वाराणसी विकास प्राधिकण की लैण्ड यूज परिवर्तन की बात कानून का खुला उलंघन,अधिकारियो की गलत पहल से किसान और सरकार के विवाद से सरकार की होगी छिछालेदर: विनय शंकर राय
वाराणसी। रोहनिया-किसान नर्सरी मोहनसराय मे किसान संघर्ष समिति के कोर कमेटी की आवश्यक बैठक मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के संरक्षक विनय शंकर राय “मुन्ना” की अध्यक्षता में दोपहर 12 बजे से हुई।मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना से प्रभावित 1194 किसानों की जमीन पर वैधानिक अधिकार पाने हेतु खतौनी पर नाम भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के सेक्शन 24 की धारा 5(1) जिसमें स्पष्ट प्रावधान है कि अगर योजना 5 वर्ष में विकसित होकर के चालू नहीं होती है तो योजना निरस्त मानी जाएगी तथा लैंड यूज़ का भी परिवर्तन योजना निरस्त करने के बाद ही किया जा सकता है ऐसी स्थिति में किसानो की जमीन का खतौनी में नाम वैधानिक रूप से दर्ज बनारस जिला प्रशासन से कराने हेतु भाजपा सरकार से कानून के आधार पर तर्क संगत वार्ता करने का एक मत से हुआ निर्णय।ज्ञातव्य हो कि वाराणसी विकास प्राधिकरण के लैंड यूज़ परिवर्तन की बात जो पहले मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना थी उसके जगह पर आवासी योजना बनाने के निर्णय को किसानों ने एक स्वर से विरोध करते हुए निर्णय लिया था कि किसी भी सूरत पर सर्वे या किसी प्रकार का कार्य किसान नहीं होने देंगे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुये किसान नेता विनय शंकर राय “मुन्ना” ने कहा कि मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना से प्रभावित किसान भाजपा सरकार से दुखित होकर लोकसभा चुनाव 2019 चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था लेकिन भाजपा संगठन के प्रभारी सुनील ओझा जी की पहल पर कि2019 लोक सभा चुनाव कै बाद किसानों को भूमि अधिग्रहण कानून के आधार पर जमीन वापस करने के कानूनी कार्य को गंभीरता से सरकार पहल करेगी के वादे को मानते हुए किसानों ने चुनाव बहिष्कार का निर्णय वापस लिया था लेकिन अब बनारस विकास प्राधिकरण जिस तरह की साजिश लैंड यूज परिवर्तन करने की कर रहा है उससे किसान अपने को छला हुआ महसूस कर रहे हैं।भाजपा सरकार एवं संगठन को किसान भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के आधार पर तर्कसंगत वार्ता करेंगे और अपनी जमीन वैधानिक रूप से वापस लेने हेतु चरणबद्ध बात रखेंगे जिसमें प्रथम चरण में बनारस के सांसद बनारस के जिला अध्यक्ष एवं संगठन के प्रमुख लोगो सहित जनप्रतिनिधियों को तर्कसंगत पत्र के साथ वार्ता करेगे। बैठक का संचालन करते हुए मेवा पटेल ने कहा कि जो किसान मुआवजा लिए हैं वह मुआवजा किसान भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के आधार पर शपथ पत्र के साथ वापस कर देगे,मेवा पटेल ने कहा कि प्रभावित किसानों की जीविका का एक मात्र साधन किसानी है। इसलिए किसान विरोधी योजना का किसान लगभग वीस व्षो से विरोध कर रहे है आज किसानो की जमीन भूमि अधिग्रहण कानून2013 के आधार पर वापस भाजपा सरकार को कर न्यायोचित कार्यवायी करना चाहिये ।
बिटना देवी ने कहा कि यहा महिलाएं फूल एवं सब्जी की व्यवसायिक खेती कर लाखों रुपया कमाकर परिवार चलती है, हजारों महिलाएं अपने स्वरोजगार से लाखो लोगो का पेट पालती है। जमीन पर किसानो का नाम 2003 मे काटकर वाराणसी विकास प्राधिकरण कर देने से किसान सरकारी योजनाओ से वंचित हो गये है।ज्ञातव्य हो कि 1998 से मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना का किसान विरोध करते चले आ रहे हैं। उक्त योजना में बैरवन, कन्नाडाडी, मिल्की चक एवं मोहनसराय के 1194 किसान प्रभावित जिसमें कुल 214 एकड़ जमीन योजना हेतु प्रस्तावित है,2003 में किसानों की बिना सहमति के उनका नाम काटकर राजस्व अभिलेख खतौनी पर विकास प्राधिकरण वाराणसी का नाम दर्ज कर दिया गया है। तभी से किसान लामबंद होकर के आज तक संघर्ष करके अपनी जमीन बचाए हैं और खेती करके अपनी जीविका का संचालन कर रहे हैं। उक्त योजना में लगभग 32% किसान मुआवजा ले लिए हैं लेकिन 68% किसान मुआवजा नहीं लिए हैं लेकिन सबका एक स्वर से यही मानना है कि जमीन किसानों को वैधानिक रूप से वापस कर दिया जाय।बैठक की अध्यक्षता विनय शंकर राय मुन्ना संचालन मेवा पटेल एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रेम शाह ने किया।
बैठक में प्रमुख रूप से शिवराज तिवारी,विजय गुप्ता,अमृत लाल पटेल, डॉक्टर नरेंद्र पटेल,प्रेम पटेल,उमाशंकर पटेल,बलिराम पटेल,राणा चौहान, सुरेंद्र पटेल,अशोक पटेल सहित इतायादि किसान शामिल हुए।