●मानस की एक-एक चौपाई जीवन जीने का मंत्र है:राजन जी महाराज
● कथा मे पहुँचे बुन्देलखण्ड से 1008 श्री अर्पितदासजी
बड़ागांव/वाराणसी। बड़ागांव ब्लॉक के कुड़ी गांव में प्रद्युम्न शिक्षण संस्थान में चल रहे नौ दिवसीय श्री राम कथा के पांचवें दिन धनुष भंग की कथा करते हुए मानस मर्मज्ञ पूज्य श्री राजन जी महाराज ने अपने अमृतवाणी से कथा मंडप में उपस्थित श्रद्धालुओं को संदेश देते कहा कि यदि हम चाहते हैं कि हमारी संतान संस्कारवान बने तो उसे संस्कार का उपदेश देने की बजाय हमें स्वयं संस्कारवान बनना होगा ऐसा हम अपने जीवन में सत्संगति और सत्संग में समागम द्वारा ही संभव कर सकते हैं।
राजन जी ने कहा कि मानस की एक-एक चौपाई जीवन जीने का मंत्र है श्री राम कथा सुनने मात्र से जीव को मुक्ति मिल जाती है।पूज्य श्री राजन जी महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा एक ऐसी कथा है जिसके गूढ़ रहस्य को समझने के लिए कई जीवन निकल जाएंगे लेकिन कोई नहीं समझ सकता श्री राम कथा एक आदर्श जीवन जीने की शिक्षा देती है हमें किस तरह अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए, मर्यादा का पालन कैसे करना चाहिए यह सब रामकथा में ही बताया गया है।
आज राम कथा में मुख्य यजमान व आयोजक सपत्नीक मुनीष मिश्रा एवं अनिल कुमार मिश्र द्वारा व्यासपीठ पवित्र रामचरितमानस एवं कथा मंडप की आरती की गई।
मंच संचालन इन्द्रदत्त मिश्र ने किया।
कथा पंडाल मे विश्वनाथ मंदिर के अर्चक राजेश पाठक व मिश्र परिवार के अखिलेश दत्त मिश्र, रमेश दत्त मिश्र,इन्द्रदत्त मिश्र, विकास दत्त मिश्र, प्रकाशदत्त मिश्र, अरविंद मिश्र(सीताराम), रविन्द्र मिश्र(सोनू), आशुतोष मिश्र, शुभम मिश्र,शिवम मिश्र, मनीष मिश्र (दीपू), अंकित मिश्र, अर्पित मिश्र, प्रखर मिश्र सहित हजारो भक्त मौजूद रहे |