वाराणसी-: सेवक बनाया नहीं जाता स्वयं बनना पड़ता है-(राजन जी)

 वाराणसी-: सेवक बनाया नहीं जाता स्वयं बनना पड़ता है-(राजन जी)

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विकाश दत्त मिश्रा-(वाराणसी)

श्रीराम कथा मे पहुंची बड़ागांव ब्लॉक प्रमुख नूतन सिंह जी

बड़ागांव /वाराणसी
बड़ागांव ब्लॉक के कुड़ी गांव में प्रद्युम्न शिक्षण संस्थान में चल रहे नौ दिवसीय श्री राम कथा के आठवें दिन की कथा करते हुए मानस मर्मज्ञ पूज्य श्री राजन जी महाराज ने अपने अमृतवाणी से कथा मंडप में उपस्थित श्रद्धालुओं को भजन के माध्यम से तीर्थराज प्रयाग से बात करते हुए भरत जी के समर्पण व सेवा भाव का चित्रण करते हुए कहा कि मेरी मां ने मेरे लिए अर्थ मांगा अनर्थ हो गया। धर्म के बंधन में प्रभु वन चले गए। प्रभु की सेवा के अतिरिक्त मुझे और कोई काम नहीं चाहिए उन्हें मोक्ष की भी चाह नहीं है। राजन जी ने बताया कि जो सेवक अपने स्वामी की बराबरी करता है उसे देखकर लज्जा को भी लज्जा आती है। सेवक बनाया नहीं जाता स्वयं बनना पड़ता है। उन्होंने आगे बताया कि भगवान के चरणों के प्रति प्रेम हो जाए यही संसार के मंगल का मूल है भरत सरिस को राम सनेही का अर्थ समझाते हुए कहा कि भरत भगवान के बनाए हर जीव से प्रेम करते हैं।

आज राम कथा में मुख्य यजमान विश्वनाथ मंदिर के अर्चक सपत्नीक राजेश पाठक ,अखिलेश दत्त मिश्र, एवं अनुग्रह नारायण सिंह जी द्वारा व्यासपीठ पवित्र रामचरितमानस एवं कथा मंडप की आरती की गई।
मंच संचालन इन्द्रदत्त मिश्र ने किया।
कथा पंडाल मे हाईकोर्ट के अधिवक्ता अनिरुद्ध चरण मिश्र व सुप्रीम कोर्ट के कमलेन्द्र मिश्र तथा मुख्य आयोजक मुनीष मिश्र, विकास दत्त मिश्र,अरविंद मिश्र (सीताराम) व गणमान्य संदीप दुबे, विनयकान्त द्विवेदी,अजय दुबे, शरद सिंह भीम,सहित हजारो भक्त मौजूद रहे |


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