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विकास दत्त मिश्रा वाराणसी

बड़ागांव(वाराणसी)। बड़ागांव ब्लाक अंतर्गत कुड़ी गांव में एक अनोखी और दिल छू लेने वाली घटना हुई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज से 32 साल पहले 1993 में श्रीमती उमा देवी पति के निधन के बाद मानसिक स्थिति ठीक ना रहने की वजह से बिहार से अपने गांव वाराणसी कुड़ी में आने के लिए चली थी जो घर पर न पहुंच कर ना जाने कहां गुम हो गई। उमां देवी के पति बिहार सरकार में ही नौकरी करते थे जहां उनकी मृत्यु हो गई थी बच्चे छोटे थे जो गांव पर ही रहते थे। परिवार द्वारा बहुत खोजबीन करने के बाद भी पता नहीं चलने पर बिहार पुलिस और वाराणसी पुलिस में गुमशुदगी की सूचना दर्ज कर दी गई यहां तक की कई वर्ष बीतने के बाद नियमानुसार मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। बीते बुधवार की रात कुड़ी गांव के प्रधान चंदगी राम यादव जी को पौल मर्सी होम लखनऊ से एक फोन आया कि आपके क्षेत्र की एक महिला हमारे यहां हैं जो अपना नाम उमा देवी पत्नी स्व०सीताराम पाठक उम्र 71 वर्ष निवासी कुड़ी बता रही हैं। सूचना मिलते ही ग्राम प्रधान चंदगी राम यादव उनके दोनों बेटों को लेकर लखनऊ पौल मर्सी होम पहुंचे और वहां से इन्हें सकुशल वापस कुड़ी लेकर आए। इनके चार बच्चे दो बेटियां और दो बेटे हैं सभी का विवाह हो चुका है। इनका बड़ा बेटा दयाशंकर पाठक ‘लल्लू’ एवं छोटा बेटा अरविंद कुमार पाठक ‘कल्लू’ 32 वर्षों बाद अपने खोई हुई मां को पाकर अत्यंत प्रसन्न हैं और मां भी अपने बच्चों को जो बहुत छोटे-छोटे थे,आज बहूओं के साथ पाकर बहुत प्रफुल्लित है।ग्रामवासी भी लगातार इनकी वापसी की खबर को पाकर, मिलने के लिए पहुंच रहे हैं।