श्रद्धांजलि-: नही रहे डॉक्टर हौसला प्रसाद द्विवेदी

 श्रद्धांजलि-: नही रहे डॉक्टर हौसला प्रसाद द्विवेदी

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राजेश कुमार पाठक-(राबर्ट्सगंज)

● बड़ी आरजू थी मुलाकात की

सोनभद्र। पूर्वांचल काव्य साहित्य की एक ऐसी आवाज अचानक मंगलवार को खमोश हो गई, जिसे जमाना बड़ी शिद्दत से सुन रहा था। किसी ने ठीक ही कहा है
“बड़े गौर से सुन रहा था जमाना
तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते”
इसी उदगार और बोझिल मन से बुधवार को रॉबर्ट्सगंज स्थित अखाड़ा मोहल के अपने निज आवास पर आयोजित श्रधांजलि सभा की सदारत करते हुए मीडिया फोरम ऑफ इण्डिया के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष कवि मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने दिवंगत कवि डॉक्टर हौसला प्रसाद द्विवेदी के कृतित्त्व-व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
डॉक्टर रचना तिवारी ने डॉक्टर द्विवेदी को एक ऐसा रचनाकार बताया जो श्रृंगार रस से सराबोर रचनाओं के जरिए बड़ी बात बात बात कह जाते थे। सोनसाहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र ने उनकी कविता पढ़ने के ढंग को याद करते हुए एक बहुआयामी प्रतिभा का धनी कवि बताया। कवि सुशील कुमार राही ने कहा स्वीकृत में उन्हें सुनने का मौका मिला तो पता चला चंदौली
जिले का कवि डॉक्टर हौसला बड़े हैसले से रचनाएं पढ़ते थे। शायर शिवनारायण शिव ने कहा अचानक डॉक्टर साहब का चले जाना हम सभी को भौचक कर दिया है । दिवाकर द्विवेदी मेघ विजयगढ़ी ने कहा , “न कोई चिठ्ठी न संदेश, न जाने कौन से, ऐसे देश, जहाँ तुम चले गए” ।
शिक्षक व पत्रकार भोलानाथ मिश्र ने कहा, ‘ डॉक्टर साहब मेरे ससुराल चंदौली जिले के दूबेपुर गाँव चकिया के पास के एक संभ्रांत परिवार से जुड़े एक जाने माने साहित्यकार थे। न जी भर के देखा, न कुछ बात की, बड़ी आरजू थी,
मुलाकात की’। शोक सभा मे कवि अमरनाथ अजेय , कवि सरोज सिंह, पत्रकार कवि प्रभात सिंह चंदेल ,
विनय सिंह चंदेल, प्रमोद गुप्ता , दिवाकर द्विवेदी
मेघ विजयगढ़ी , राजेश गोस्वामी, राजेश द्विवेदी राज, कवि व निवर्तमान प्रधान इकबाल अहमद समेत अन्य लोगो
ने महात्मागांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर कवि डॉक्टर हौसला प्रसाद द्विवेदी को
खिराजे अक़ीदत पेश कर दो मिनट का मौन रख कर शोक
संवेदना प्रकट किए ।


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