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रामप्रवेश गुप्ता बीजपुर

बीजपुर (सोनभद्र) जरहां वन विभाग इन दिनों अवैध खनन एवं कत्थे के लकड़ी की तस्करी को लेकर चर्चा में बना हुआ है । समूचे महकमे के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। अभी चार दिन पहले बरन नदी से अबैध बालू खनन पर सख्त डीएफओ के निर्देश पर बरन नदी तक जाने वाले रास्ते मे वन रेंज कर्मियों ने बड़ी बड़ी खाई खोद कर अवैध खनन को बन्द कराने का दावा किया था जिसपर एक वीडियो बनाकर वनकर्मियों ने अपनी सफाई भी पेश किया था। लेकिन जब शुक्रवार रात खनन माफिया वन विभाग की खोदी गयी खाई पाट कर शनिवार दोपहर तक खनन करते पकड़े गए तो हंगामा मच गया। अवैध खनन को लेकर बड़े बड़े दावे हाँकने वाले जरहा रेंजर और उनके कर्मियों की बोलती बंद हो गयी । बताया जाता है कि रेंजर के कुछ खास वनकर्मियों की मिली भगत से जरहा रेंज के बरन नदी,अजीर नदी,बिच्छी नदी,नीमडॉडं,बघाडू ,महरिकला, खम्हरिया रिहन्द जलाशय सहित अनेक नदियों और गोविंद बल्लभ पंत सागर से बेरोक टोक खनन और परिवहन जारी है। सूचना पर शनिवार को पत्रकारों की टीम मौके पर पहुँचते ही रेंजर राजेश सिंह भी पहुँचे और जेसीबी बुला कर फिर से बरन नदी तक जाने वाले रास्ते मे खाई खोदने का प्रयास किया जब कि ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्रीय नदियों से खनन में वन विभाग की भूमिका खुद सन्दिग्ध है।

उधर डीएफओ रेनुकूट स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव से जब फोन पर खनन के बाबत जानकारी माँगी गयी तो उन्हों ने फोन पर ही रेंजर को जमकर फटकार लगाई और खनन माफियाओं को चिन्हित कर कार्रवाई के आदेश दिए। खनन कर पुनर्वास में डंप की गई कई ट्राली बालू को रेंजर राजेश सिंह ने लोड करा कर जायका कालोनी लाकर सीज कर दिया है। वन महकमे की कार्रवाई से फिलहाल खनन माफियाओं में हड़कम्प मचा हुआ है ।