सोनभद्र-: एससी/एसटी एक्ट: सगे भाइयों को 5-5 वर्ष की कैद 11.500-11.500 रुपये अर्थदंड, न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

 सोनभद्र-: एससी/एसटी एक्ट: सगे भाइयों को 5-5 वर्ष की कैद 11.500-11.500 रुपये अर्थदंड, न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

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सोनभद्र कार्यालय

● साढ़े दस वर्ष पूर्व घोरावल के एडीओ पंचायत(सहकारिता) के साथ हुए दुर्व्यवहार का मामला

सोनभद्र। साढ़े दस वर्ष पूर्व घोरावल ब्लाक के एडीओ पंचायत (सहकारिता) अनरमा प्रसाद के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट, सोनभद्र खलीकुज्ज्मा की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर सगे भाइयों गुड्डू उर्फ अजय कुमार सिंह एवं विनय कुमार सिंह को पांच-पांच वर्ष की कैद एवं 11,500-11,500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल थाने में 19 मार्च 2011 को दी तहरीर में घोरावल ब्लाक के एडीओ पंचायत(सहकारिता) अनरमा प्रसाद ने आरोप लगाया था कि 18 मार्च 2011 को नवनिर्वाचित ब्लाक प्रमुख का शपथग्रहण समारोह था। शपथग्रहण समारोह के तुरंत बाद मौके पर घोरावल थाना क्षेत्र के पुरना गांव निवासी गुड्डू उर्फ अजय कुमार सिंह व उनके भाई विनय कुमार सिंह मिले तथा कहा कि सतौहा गांव में कराए गए कूप निर्माण में ब्लास्टिंग का कार्य किया गया है उसका पैसा दीजिए और अभी चाहिए। जब पैसा देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि कूप निर्माण का कार्य मेठ रमेश पटेल द्वारा कराया गया है। जाकर उसी से मिलकर अपना पैसा ले लीजिए, क्योंकि आपलोगों को नहीं जानता हूं। इतना सुनते ही जाति सूचक शब्दों से गाली देते हुए अपमानित किया और मारने के लिए दौड़ा लिया। इतना ही नहीं जान से मारने की भी धमकी दिया। इस तहरीर पर घोरावल थाने में सगे भाइयों के विरुद्ध मारपीट एवं एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई। विवेचक ने मामले की विवेचना किया तो पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर सगे भाइयों गुड्डू उर्फ अजय कुमार सिंह व विनय कुमार सिंह को 5-5 वर्ष की कैद एवं 11,500-11,500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता सी. शशांक शेखर कात्यायन ने बहस की।


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