सोनभद्र कार्यालय
• एबीएसए और संकूल शिक्षक के षडयंत्र का शिकार हुई कब्बड्डी टीम पहले ही राउंड में खेल से बाहर
बीजपुर(सोनभद्र) कंपोजिट विद्यालय बीजपुर में एबीएसए म्योरपुर विश्वजीत कुमार और संकुल शिक्षक द्वारा विगत कई महीनों से रचे जा रहे साजिश और षडयंत्र का खामियाजा स्टेट लेवल पर पहुंची जिले के कंपोजिट विद्यालय बीजपुर की राज्य स्तरीय कब्बड्डी टीम के खिलाड़ियों को पहले ही राउंड में हार का मुँह देखना पड़ा।सोनभद्र का प्रतिनिधित्व करने वाली कंपोजिट विद्यालय की कब्बड्डी टीम कानपुर में 18 मार्च को संपन्न हुए स्टेट टूर्नामेंट में पहला मैच ही हार कर टूर्नामेंट से बाहर हो गई।मंडल स्तर तक स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम से 18 दिन पहले उनका खेल कोच क्यों छीन लिया गया यह जांच का विषय है। ग्राम प्रधान दशमति गुप्ता के कूट रचित दस्तावेज के आधार पर 27 फरवरी को खेल कोच विमलेश यादव को अचानक एबीएसए ने विद्यालय से क्यों हटा कर अन्यत्र के बिद्यालय में भेज दिया यह एक प्रश्न खड़ा हो गया है।खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता से 18 दिन पहले ही अभ्यास से क्यों वंचित कर उन्हें हतोत्साहित किया गया यह सब उच्च स्तरीय जांच का विषय बन गया है।मामले पर गौर करे तो कंपोजिट विद्यालय में संकूल शिक्षक द्वारा इस मामले में राजनीति एक साल पहले से किया जा रहा था एबीएसए और संकुल शिक्षक की सह पर प्रभारी प्रधानाध्यापक आशारानी को निलंबित कराना विद्यालय प्रभार को लेकर विवादित स्थिति पैदा करना विद्यालय के कार्मिकों सहित ग्राम प्रधान बीजपुर का कूट रचित बयान और प्रस्ताव के आधार पर खेल शिक्षक विमलेश यादव को विद्यालय से हटवा देना कही न कही द्वेष भरी राजनीति है।शिक्षकों के साथ राजनीति में कब्बड्डी खिलाड़ियों को साजिश का शिकार न बनाया गया होता तो शायद आज स्कूल के कबड्डी खिलाड़ियों की वजह से सोनभद्र का नाम उत्तरप्रदेश में गौरवांवित होता।अभिभावकों का आरोप है की एबीएसए खेल शिक्षक विमलेश यादव को विद्यालय से हटाने के बाद खिलाड़ियों को अभ्यास कराने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए और अंत में संकूल शिक्षक द्वारा कला के शिक्षक उमेश कुमार को खिलाड़ियों के साथ कानपुर भेज दिया गया जहां सोनभद्र का प्रतिनिधित्व करने वाली कंपोजिट विद्यालय बीजपुर टीम को हार कर प्रतियोगिता से ही बाहर हो कर निराशा का मुंह देखना पड़ा।फिलहाल सोनभद्र का गौरव बनने से चूक हो गई है लेकिन जिले के विभागीय अधिकारियों को विद्यालयों में साजिश और षडयंत्र करने वालों से सख्ती से निपटना होगा नहीं तो बच्चों का भविष्य ऐसे ही बर्वाद होता रहेगा।
