सोनभद्र-: कवि एवं विचार गोष्ठी के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद के कृतित्व-व्यक्तित्व पर साहित्यकारों ने डाला प्रकाश-(राकेश शरण मिश्र)

 सोनभद्र-: कवि एवं विचार गोष्ठी के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद के कृतित्व-व्यक्तित्व पर साहित्यकारों ने डाला प्रकाश-(राकेश शरण मिश्र)

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सोन साहित्य संगम ने मुंशी प्रेमचंद को किया याद

विशेष संवाददाता द्वारा

सोंनभद्र। महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जी की 141वीं जयंती के पर शनिवार को जनपद की प्रमुख साहित्यिक संस्था ‘सोन साहित्य संगम’ के बैनर तले संस्था के नगर स्थित कार्यालय पर काब्य व विचार गोष्ठी संस्था के संरक्षक पंडित पारसनाथ मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस दौरान सर्वप्रथम मां सरस्वती एवं मुंशी प्रेमचंद जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलित कर उन्हें शत-शत नमन किया गया। तदोपरांत सोनांचल के नामचीन कवियों ने एक से बढ़कर एक काब्यपाठ करके जहां श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया वहीं विचार गोष्ठी के माध्यम से वक्ताओं ने मुंशी प्रेमचंद जी के सामाजिक एवं साहित्यिक संरचना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी रचनाएं एवं कहानियां आज भी प्रासंगिक हैं। संचालन कवि अशोक कुमार तिवारी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्था के उप निदेशक सुशील कुमार ‘राही’ ने व्यक्त किया। गोष्टी में मुख्य रूप से पंडित पारस नाथ मिश्र, कथाकार रामनाथ ‘शिवेंद्र’, सुशील कुमार ‘राही’, गजल कार शिव नारायण ‘शिव’, गीतकार जगदीश पंथी, ईश्वर बिरागी, दिवाकर ‘मेघ विजयगड़ी’, अब्दुल हई, रामनरेश पाल, प्रदुम्न तिवारी, सरोज सिंह, दयानंद दयालु, धर्मेश चौहान, हास्य व्यंग के कवि जयराम सोनी, राजेश द्विवेदी ‘राज’,दिलीप सिंह ‘दीपक’, दीपक केशरवानी, संस्था के संयोजक राकेश शरण मिश्र आदि कवि गणों ने झमाझम हो रही बरसात को आईना दिखाते हुए साहित्य मनीषी मुंशी प्रेमचंद जी को शत शत नमन करने पहुंचे थे। सम्मानित कवियों एवं साहित्यकारों के इस समर्पण और महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद जी के प्रति लगाव के प्रति प्रतिबद्धता को देख जिले से बाहर रह रहे संस्था के निदेशक मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी सभी कवियों के प्रति साधुवाद दी हैं।


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