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किशन पाण्डेय/सोनभद्र

— रोग,दोष के निवारण का मूल है योग- योगाचार्य अजय

गुरमा। स्थानीय कारागार में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में धनवंतरी पतंजलि योग संस्थान के तत्वाधान में बुधवार को योगाचार्य अजय पाठक द्वारा योगाभ्यास कराया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सांसद पकौड़ी लाल कोल ने दीप प्रज्वलित कर किया एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता जेलर जेपी दुबे ने की।

श्री कोल ने संबोधन करते हुए बताया कि योग साधना संसार के परम वैभव की ओर ले जाने का सर्वोपरि माध्यम है जिसके बगैर इस जीवन की कल्पना कर पाना मुश्किल है स्वस्थ रहने की कुंजी एकमात्र योग ही है जिससे हम और पूरा समाज स्वस्थ और सुखमय जीवन व्यतीत कर सकता है इसलिए जीवन के सुख-दुख और स्वास्थ के बीच सेतु रूपी योग ब्रह्मास्त्र के रूप में काम कर रहा है। योगाचार्य अजय कुमार पाठक ने कहां कि आदि से अनादि काल तक योग की क्रियाओ से ही इंद्रियों को जागृत कर जटिल से जटिल रोगों को भी खत्म किया जा सकता है। सुबह की दिनचर्या में शामिल चाय को जहर बताते हुए छोड़ने का लोगों को संकल्प कराया गया और खाना खाने के तुरंत बाद पानी नही पीने पर बल दिया। उच्च रक्तचाप और शुगर को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन योगाभ्यास जरूरी है। वर्तमान में योग जीवन चक्र का अभिन्न हिस्सा बन चुका है और नियमित योग करने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है। पुराना कार में वैश्विक महामारी जैसी आपदा के समय निरंतर योग करा कर हजारों हजारों लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम धनवंतरी पतंजलि योग संस्थान की टीम ने किया। संस्थान की छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी यशस्वी पांडे ने बताया कि योग मन, मस्तिष्क की शुद्धता के साथ आंतरिक शुद्धता बेजोड़ स्तंभ है। रोगों से बचाव का मूल है योग साधना।

योगाचार्य अजय ने बंदियों को विभिन्न योग जिसमे सूर्य नमस्कार, कपालभाती, अनुलोम विलोम प्राणायाम, सिंहासन कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जेलर जेपी दुबे ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान संस्थान की जिला प्रभारी ऋषिका अग्रवाल, संरक्षक अंशुमान पांडेय, रमेश सिंह यादव सुखनंदन चौरसिया, विकास कुमार, प्रदीप साहनी, शेषनाथ गुप्ता, वेद भारत, प्रेम कुमार पांडेय इत्यादि लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन अरविन्द सोनी ने किया।