कमलेश पाण्डेय सोनभद्र
1 यस हास्पिटल हिन्दुआरी
2 अन्शू मेडिकल रानीताली बेलहल्थी रेनुकुटरोड
भूत प्रेत ओझा का झाड़ फूंक जनता का साथ गुमराह कर झाड़ते है
3 सद्भावना हास्पिटल हिन्दुआरी
एडिशनल सीएमओ डॉक्टर गुलाब शंकर यादव बातचीत के दौरान अवगत कारण हमको जिले में कहीं भी तरीके से हॉस्पिटल क्लीनिक पैथोलॉजी डायग्नोस्टिक बिना रजिस्ट्रेशन बिना डॉक्टर नहीं पाए जाएंगे तुरंत नोटिस देकर बंद करके रजिस्ट्रेशन रद्र और बन्द कर दिया जाएगा
नक्शा पास कराए बगैर चल रहे दर्जनों अस्पताल कार्यवाही कुछ भी नहीं
अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा है
अस्पताल लोगाें को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए खोले जाते हैं।अस्पताल में मरीजों के आने पर डाॅक्टर इलाज करने से पहले मर्ज का पता लगाने के लिए जांच आदि करते हैं। उसके बाद दवा देते हैं, परंतु अस्पताल का निर्माण कराते समय कई अस्पताल संचालक नियमों की अनदेखी की है। जिले में दर्जनो अस्पताल नक्शा पास कराए बगैर संचालित हो रहे हैं। अस्पताल परिसर में न तो वाहनों की पार्किंग की समुचित व्यवस्था है और न ही अन्य सुविधाएं। अधिकांश में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए इंसीनिरेटर तक की व्यवस्था नहीं है। नगर मेें दर्जनो ऐसे अस्पताल संचालित हैं, जिनका विकास प्राधिकरण से नक्शा पास नहीं है। इसका खुलासा जिले के आरटीआई कार्यकर्ता कमलेश पाण्डेय मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ है।आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा जन सूचना अधिकार के तहत अस्पतालों की सूची संलग्न कर प्राधिकरण से जानकारी मांगी कि इनका नक्शा प्राधिकरण में है अथवा नहीं। इस पर विकास प्राधिकरण की ओर से जवाब दिया गया कि कार्यालय में इन अस्पतालों के नक्शे का कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है। इसके बाद नक्शा पास कराए बगैर संचालित अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। इससे संबंधित मांग पत्र ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। आदि स्थानाें पर नक्शा पास कराए बगैर अस्पताल संचालित हो रहे हैं। अधिकांश नर्सिंग होम व अस्पतालों में वाहनों के पार्किंग की सुविधा नहीं है।आग बुझाने के लिए पानी के टैंक आदि के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।मानक के अनुरूप मरीजों के लिए उचित व्यवस्था तक नहीं है। सीएमओ (डा.अश्वनी) का कहना है कि सीएमओ कार्यालय उन अस्पतालों को लाइसेंस देता है, जो अग्निशमन और बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के मानकों पर खरा उतरते हैं। जो इन मानकों को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें सील करने की कार्रवाई की जाती है। नक्शा उनके क्षेत्राधिकार में नहीं है। इसके लिए विकास प्राधिकरण अधिकृत है। विंध्य विकास प्राधिकरण के कहना है कि यदि बिना नक्शा स्वीकृत कराए निर्माण कराया गया है तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी। यदि यह प्रकरण से जुड़ा है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।