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• मानव कल्याण एव राष्र्ट हित के लिये समर्पित रहा अघोरेश्वर का जीवन

रेणुकुट(सोनभद्र)। स्थानीय रेणुकूट क्षेत्र में 29 नवंबर दिन शुक्रवार को बड़े ही श्रध्दा पूर्वक मना परम पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी का 32वाँ महानिवार्ण दिवस। रेणुकूट के खाड्पाथर स्थित क्रिया कुटी आश्रम के प्रांगण मे अघोर गुरु पीठ ब्रहम निष्ठालय बनौरा, रायगढ़ छत्तीसगढ़ के अधिष्ठाता परम पुज्य औघड़ सन्त बाबा प्रियदर्शी राम जी के निर्देशन पर सेवा दिवस के रुप मे मनाया गया। परम पुज्य अघोरेश्वर भगवान राम का जीवन राष्ट्र निर्माण एवं मानव कल्याण के लिये समर्पित रहा। यही नहीं बल्कि मानव सेवा की मिशाल रखने वाले पुज्य अघोरेश्वर के जीवन आर्दश समाज के लिये पद चिन्ह बनकर पथ प्रदर्शक साबित हो रहे है।

परम पुज्य अघोरेश्वर का मानना था कि हर मनुष्य परिवार की इकाई है और परिवार समाज की इकाई है और समाज राष्ट्र की इकाई है इसलिये एक एक व्यक्ति के विचार एवं कार्य राष्ट्र के लिये महत्पूर्ण हो। देश ऐसे महान संत के योगदान को विस्मृत नही कर सकता है। आज के ही दिन अघोरेश्वर भगवान राम ने 1992 मे समाधि ली थी। वाराणसी मे उनकी समाधि का नाम”महाविभूति”स्थल है। इस नश्वर संसार से विदा लेने वाले अघोरेश्वर सशरीर भले ही हमारे मध्य न हो लेकिन वैचारिक रुप से उनके सिद्धान्त हर अघोरपंथी के ह्दय मे मौजुद है।कार्यक्रम मे प्रातः8.30 बजे से श्री चरण पादुका पुजन,सफल योनि का पाठ, गुरु गीता पाठ के बाद भजन कीर्तन किया गया।

इसके उपरान्त आस-पास निवास करने वाले गरीब आदिवासी गरीबो को भरपेट भोजन कराने के बाद कम्बल, कपड़ा धोने का साबुन, तेल, पेस्ट, ब्रश, नहाने का साबुन आदि जरुरत मन्दो को वितरण किया गया इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नगर से सैकड़ो श्रद्धालुजन उपस्थित रहे ।