सोनभद्र-: देश प्रदेश में बेरोजगारी चरम सीमा पर-(चंद्रशेखर पांडेय)

 सोनभद्र-: देश प्रदेश में बेरोजगारी चरम सीमा पर-(चंद्रशेखर पांडेय)

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सोनभद्र कार्यालय

प्रदेश की राजधानी में पूर्ववर्ती सरकारों ने ही किया है काम

(हमारे विशेष संवाददाता की चंदशेखर पांडेय से हुए साक्षात्कार की रिपोर्ट)

सोनभद्र। वर्तमान परिवेश में विकास एक पहेली बन कर रहा गई है। देश-प्रदेश में बेरोज़गारी चरम सीमा पर है, शिक्षा व्यवस्था भी कोरोना काल में ध्वस्त होने के कगार पर है। अब पुनः सुचारू रूप से इसे संचालित करने में काफी समय लगेगा। कोरोना काल के लगभग 18 माह में स्वास्थ्य केंद्रों का भी इसी तरह का हाल देखने को मिला।आक्सीजन के अभाव में आम मरीज को क्या क्या दुर्दशा नहीं झेलना पड़ा ! हमारे देश के कई प्रदेशों में लघु उद्योग भी लगभग बर्बाद हो गए या तो बंद हो गए, जिससे बेरोजगारी और बढ़ गई। यह बातें युवा समाज सेवी चन्द्र शेखर पाण्डेय ने एक साक्षात्कार में हमारे विशेष संवाददाता से वार्ता करते हुए कही।
जब उनका ध्यान लखनऊ में हुए विकास की ओर विशेष संवाददाता ने आकर्षित कराया तो उन्होंने कहा कि लखनऊ में पर्यटन व सुन्दरी करण के साथ साथ विकास के कार्य पूर्ववर्ती सरकार में किये गये है। वह सरकार चाहे किसी भी पार्टी की रही हो, सबने राजधानी में विभिन्न स्थानों को विकसित करने का काम किया। चाहे आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए व्यापक पैमाने पर ओवरब्रिज के निर्माण की योजना रही हो या लखनऊ के सुन्दरी करण का कार्य हो। इसे और स्पष्ट करते हुए श्री पांडेय ने कहां की रिवंर फ्रंट पार्क के अलावा विशाल डॉ भीमराव अम्बेडकर पार्क, रमाबाई पार्क, विभिन्न चौक- चौराहों आदि को संवारने सजाने का काम पूर्ववती सरकारों में ही किया गया। श्री पांडेय यहीं नहीं रुके आगे कहा कि राजधानी में स्टेडियम जनेश्वर मिश्र पार्क, लोहिया पार्क,शहीद पथ आदि के निर्माण कार्यों के साथ ही पूर्ववर्ती सरकार में तमाम ऐसे कार्य किए गए जो यहां कि सुन्दरता व पर्यटन तथा पर्यावरण को दृष्टिगत रख किया गया।
युवा समाजसेवी श्री पांडेय की माने तो आज पूर्व की सरकार की ही देन है इन सभी स्थानों पर जाने पर आम जन जीवन का मन हर्षित हो उठता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के शासन में इस तरह के कार्य देखने को नहीं मिल रहे हैं। अंत में उन्होंने कहा कि यदि वर्तमान समय में भी विकास कार्यों के साथ साथ इस तरह के कार्य भी सरकार करे तो निश्चित ही नवाबों की नगरी में चार चांद लग जाएगा और प्रदेश की राजधानी लखनऊ देश में अपनी एक अलग पहचान स्थापित करने में कामयाब हो सकेगी ।


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