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विक्की यादव (संवाददाता) रेणुकूट
पिपरी। राष्ट्रीय जन सेवा समर्पण संस्थान के बैनर तले जनपद सोनभद्र के पिपरी में सर्व कल्याण के हितार्थ विराट सुंदरकांड का आयोजन सकुशल संपन्न हुआ। बता दूं कि इस सुंदरकांड पाठ से पूरा नगर मंगल भवन अमंगल हारी, उमा सहित जेहि जपत पुरारी के चौपाइयों से गुंजायमान हो गया। इस अवसर पर उपस्थित राष्ट्रीय कथावाचक पं० शितलेश शरण मिश्र ने अपने आशीर्वचन में कहा कि हमें श्री हनुमान जी के चरित्रों से जीवन जीने की कला सिखनी चाहिए।
जिस प्रकार श्री हनुमान जी महाराज श्री राम के अनन्य भक्त एवं अष्ट सिद्धि नव निधि के प्रदाता होने के बाद भी अपने अंदर सरलता और साधुता को धारण किए थे उसी प्रकार से हम मनुष्यों को भी सरलता और साधुता को धारण करना चाहिए पर स्मरण रहे, सरलता और सहजता एक दिन में प्राप्त नहीं होता। इसके लिए हमें निरंतर प्रयत्नशील रहने की आवश्यकता है। रामचरितमानस से व्याख्या करते हुए कहा कि, सिमिटि सिमिटि जल भरहिं तलावा। जिमी सद्गुण सज्जन पहिं आवा। जिस प्रकार बारिश की बूंदे धीरे-धीरे कट्ठा होते हुए बड़ा से बड़ा तालाब पर जाता है उसी प्रकार से हमें नित्य सद्गुणों का संचय करने से जीवन में साधुता और संतत्व की प्राप्ति होती है।
सुंदर काण्ड विश्राम के पश्चात भव्य भंडारे में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। विराट सुंदरकांड में राष्ट्रीय समर्पण सेवा संस्थान के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, नगर के व्यवसाई , समाजसेवी माताएं बहने, संत समाज ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।