सोनभद्र-: पुत्र की लंबी उम्र के लिए माताओं ने रखा जीवित्पुत्रिका का व्रत

 सोनभद्र-: पुत्र की लंबी उम्र के लिए माताओं ने रखा जीवित्पुत्रिका का व्रत

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मुकेश सोनी/म्योरपुर

म्योरपुर। म्योरपुर स्थानीय कस्बा में पुत्र की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए माताओं ने बुधवार को जीवित्पुत्रिका का निर्जला व्रत रखा। स्थानीय ब्लाक में यह पर्व श्रद्धा और विश्वास के साथ परम्परागत ढंग से मनाया गया। व्रती महिलाओं ने स्नान के उपरांत घाटों पर स्थित मंदिरों में पूजा-पाठ किया और इसके बाद पुजारियों से जीवित्पुत्रिका व्रत कथा का श्रवण किया। व्रती महिलाओं सोने व चांदी की ज्यूतिया को गले में धारण किया। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पुत्रों के ऊपर आने वाले सभी संकट का नाश हो जाता है और पुत्र की आयु बढ़ने के साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।पुत्र की दीर्घायु व सुख-समृद्धि की कामना को लेकर किये जाने वाले इस व्रत पूजन को लेकर श्रद्धालु महिलाओं ने सूर्योदय से पूर्व अल्पाहार लेकर व्रत को प्रारंभ किया। महिलाओं ने बिना अन्न-जल ग्रहण किए पूरे दिन इस कठिन व्रत रखा। अगले दिन वह व्रत का पारन करेंगी। इस पूजा को लेकर दोपहर बाद से महिलाओं के लैरा घाटों पर पहुंचने का क्रम प्रारंभ हो गया था। इसके चलते लैरा घाट के अलावा कई घाटों पर व्रती महिलाओं की भारी भीड़ रही। स्नान के बाद व्रतियों ने पूजा-पाठ किया। इसके बाद घाटों के किनारे, मंदिरों पर ब्राह्मण पुजारियों व पंडितों से जीउतिया के कथा का श्रवण किया। कथा श्रवण के बाद पूजा की थाली या पात्र में रखे सोने या चांदी के ज्यूतिया को महिलाओं ने धारण किया। परंपरा के अनुसार जिस महिला के जितने पुत्र होते हैं, वह उतनी संख्या में ज्यूतिया को धारण करती हैं। पूजा-पाठ करने के बाद महिलाओं ने व्रत को जारी रखा और घाटों पर दान-पुण्य कर घर को लौटीं। देवरी, किरबिल, काचन, करहिया, नधिरा, चैरी, बरवाटोला, म्योरपुर, लिलासी सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी जीवित्पुत्रिका का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया।


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