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(सोनभद्र कार्यालय)

सोनभद्र। सबकी अलग ढपली अलग-अलग राग अलाप रहे जनपद में संचालित कुल सात प्रकार के माध्यमिक विद्यालयों में ऑन लाइन ई- लर्निंग, व्हाट्सएप वर्चुअल क्लास चलवाने में जिलाविद्यालय निरीक्षक कार्यालय पसीना पसीना हो जा रहा है बावजूद इसके अभी तक
अधिकांश विद्यालयों में ई- पाठ शाला शुरू होने में अनेक कठिनाइयां प्रिंसिपल साहिबान
जहाँ गिनाने में नहीं थक रहे है वही जिला विद्यालय निरीक्षक भी अब सुस्त प्रधानाचार्यो को
सबक सिखाने के लिए विभागीय कार्रवाई से पीछे नहीं हटना चाहते ।कोरोना विषाणु जनित वैश्विक महामारी कोविड 19 के चलते लॉक-डाउन पार्ट- टू के 10 वें दिन शुक्रवार को ऑन लाइन, ई- लर्निंग की प्रगति की समीक्षा के लिए जिलाविद्यालय निरीक्षक फूलचंद यादव ने कुल 18 नोडल
अधिकारी नियुक्त कर सभी के जिम्में चार -पाँच कालेजों की जिम्मेदारी सौंप दिए हैं ।
ऐसे हो रही तैयारी
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जनता इण्टर कालेज के गणित के प्रवक्ता पीयूष कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ टीजीटी गणित शिक्षक अहमद हुसैन सिद्दीकी ने बताया
की व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर इण्टर – हाई स्कूल के क्षेत्रों को मोबाइल
फोन से जोड़ कर प्रति दिन प्रातः
8 बजे होम वर्क दिया जा रहा है ।
अगले दिन छात्र-छात्रा आंसर कांपी व्हाट्सएप पर भेजते हैं ।
उत्तर को जाँच कर उसे फिर वापस भेज दिया जा रहा है । जो
जरूरी संसोधन रहता है उसे पूरा
करके ही भेजा जाता है ।
इतिहास के प्रवक्ता विजय शंकर
पाठक ने बताया कि कॉलेज की
ओर से एन सी आर टी पाठ्यक्रम
से जुड़ी एक लिंक बनाई गई है
जिसे विषयाध्यापक डाउन लोड
कर के प्रबंधक सुशील चौबे और
प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार सिंह को
सूचित कर दे रहे हैं । समाजशास्त्र
की प्रवक्ता विंध्यवासिनी चतुर्वेदी ,
संस्कृत के टीजीटी शिक्षक दिनेश
कुमार सिंह आदि ऑन लाइन
टीचिंग शुरू कर दिए हैं । विद्यार्थियों से उत्तर भी प्राप्त हो
रहे हैं ।
ई. स्कूल का समय
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जिलाविद्यालय निरीक्षक फूलचंद
यादव की विज्ञप्ति के अनुसार
प्रातः 8 बजे से 2 बजे तक ऑन
लाइन ई- लर्निंग , व्हाट्सएप
वर्चुअल क्लास टीचर संचालित
करेंगे । ई- टीचिंग और ई-लर्निंग
पर नज़र रखने के लिए समूह में
विद्यालयों को विभाजित कर कुल
18 नोडल अधिकारी बनाए गए है। प्रधानाचार्य भी इस व्यवस्था में
ज़िम्मेदार माने गए हैं । प्रातः 10
बजे तक नियंत्रण कक्ष को सूचना
प्रेषित करना अनिवार्य बनाया गया है ।
देनी है जानकारी
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राजा शारदा महेश इण्टर कालेज
रॉबर्ट्सगंज में आयोग से आए
प्रिंसिपल डॉक्टर बृजेश सिंह ने बताया कि नोडल अधिकारियों के
माध्यम से प्रतिदिन 10 बजे तक
ऑन लाइन ई लर्निंग व्हाट्सएप
वर्चुअल क्लास की प्रगति रिपोर्ट
निर्धारि प्रारूप पर 17 विंदुओं
में जारही है । ऑन लाइन ई
क्लास प्रातः 8 बजे शुरू होगा ।
समस्या आ रही आड़े
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प्रधानाचार्यो का कहना है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क रहता ही नहीं । सभी अभिभावकों
के पास स्मार्ट फोन भी नही हैं ।
पहले के शिक्षकों को स्मार्ट फोन
चलाने का अनुभव नही है ।
पारंपरिक कक्षाओं में पढ़ने के आदि गावँ के छात्र-छात्राओं को
व्हाट्सएप से समझने में कठिनाई
आ रही है । व्हाट्सएप ग्रुप छात्रों
की भी अपनी अपनी अलग अलग कठिनाइयों के समाधान के
लिए अभी यह प्लेट फार्म नया
अनुभव है । कुछ तक निकी तो
कुछ जागरूकता की कमी आड़े
आ रही है ।
इतने प्रकार के विद्यालय
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राजकीय इण्टर कालेज कम हैं ।
हाईस्कूल उच्चीकृत राजकीय अधिक हो गए है। ।
वेतन वितरण के दो इण्टर कालेज
हैं । हाईस्कूल तक वेतन वितरण के कुल सात विद्यालय हैं । वित्तविहीन इण्टर कालेजों की
संख्या एक सौ के पार है ।
अल्पसंख्यक श्रेणी के कुल तीन
इण्टर कालेज ओबरा में इस्लामिया , चोपन में गुरुद्वारा ,
रॉबर्ट्सगंज में गुरुनानक इण्टर
कालेज है ।
धारा नाइन फोर के तहत मान्यता प्राप्त विदायलयो का अपना अलग ही प्रकार है जिन्हें
मानक पूरा करने के लिए वक़्त
दिया जाता है ।
सर्वेंट ऑफ इंडिया सोसाइटी
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इस संस्था में आदिवासी इण्टर कालेज सिलथम चतरा ब्लॉक में । चोपन ब्लॉक में राजा बलदेव दास बिड़ला इण्टर कालेज सलखन और म्योरपुर बलों में बिड़ला विद्यामन्दिर इण्टर कालेज
म्योरपुर है ।
ढपली अपनी , राग अपना
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राजकीय इंटर और हाई स्कूलों पर जिला विद्यालय निरीक्षक तो
दूर कार्यालय के कमलेश अब्बुलेश भी जो कहेंगे पूरा हो
जाएगा । सभी प्रकार की जानकारी मिल जाएगी ।
वेतन वितरण में प्रबंधक भी एक
कड़ी महत्वपूर्ण है । ऐसे में दो
पाटन के बीच में पड़ कर शिक्षक
डीआईओएस के आदेश को भी
मानते है उसी में प्रबंधक की
व्यवस्था के अनुसार भी समन्वय
बनाना पड़ रहा है ।
वित्तविहीन और अन्य
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जनपद में 90 प्रतिशत माध्यमिक विद्यालय वित्तविहीन
मान्यता प्राप्त है जिन्हें प्रदेश
सरकार फूटी कौड़ी भी नही देती । ऐसे में ‘ ऑउ पड़ोसिन मोरे ,
त निहुरि क नाचब तोरे ..’ कहावत चरितार्थ हो रही है । ऐसे
विद्यालयों में केवल और केवल
प्रबंधक की ही चलती है । वही
वित्तविहीन शिक्षकों का माई बाप
है । इस लिए शिक्षक प्रधाना चार्य
वही करते है जो प्रबंधक चाहते है । इन विदायलयो में जिलाविद्यालय निरीक्षक के आदेश से ज्यादा महत्व प्रबंधक
है ।
कैसे बने ताल मेल
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नारे बहुत सुने गए ..
‘ निर्धन हो या हो धनवान ,
शिक्षा होगी एक समान ‘
“कृष्ण-सुदामा पढ़ेंगे एक ही
स्कूल में “
यह सपना सपना बना हुआ है वज़ह अलग अलग स्तर के अलग
अलग पृष्ठभूमि के अलग अलग छात्र छात्राएं अलग अलग व्यवस्था में पढ़ रहे हैं । इन्ही में कुछ ऐसे नामी गिरामी पब्लिक स्कूल भी है जहाँ बड़े बड़े अधिकारी भी अपने नौनिहालों के
एडमिशन के लिए पसीना बहा देते हैं । इन सभी विद्यालयों से
शासन द्वारा माँगी जा रही सूचनाओं को एकत्रित कर शासन
को भेजने में कितनी मुसीबतों
का सामना करना पड़ रहा है यह
तो जिलाविद्यालय निरीक्षक कार्यालय से अधिक कौन जान
सकता है ।
हो रही कार्रवाई भी
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ऑनलाइन ई लर्निंग व्हाट्सएप वर्चुअल क्लास छत्रों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर 20 अप्रैल
से ही जिलाविद्यालय निरीक्षक
शुरू करा दिए है लेकिन तमाम
प्रधानाचार्य अभी भी पीछे है जिनके विरुद्ध अब कार्रवाई होने
जा रही है ।
डाउन लोड करें
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जिले के सभी शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि कोरोना
वायरस जनित कोविड 19 से बचाव के लिए लॉक-डाउन ,
सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करे ।
घर की लक्ष्मण रेखा न लांघे ।
साबुन से 20 सेकेंड तक बार बार
हाँथ धोते रहें । ” आरोग्य सेतु एप , डाउन लोड कर के सूचित करें ।
ई – लर्निंग की निगरानी के लिए
जिन 18 नोडल अधिकारियों को
नियुक्त किया गया है उनमें राजकीय इण्टर कालेज घोरावल के प्रिंसिपल राम शरण द्विवेदी ,
राजा शारदा महेश इण्टर कालेज
रॉबर्ट्सगंज के प्रिंसिपल डॉक्टर
बृजेश , बंदना सिंह राजकीय कन्या इण्टर कालेज , उषा सिंह प्रिंसिपल चतरा , शैलेन्द्र चतुर्वेदी
प्रिंसिपल कन्हौरा आदि शामिल
हैं।