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विशाल गुप्ता/बीरपुर
बीजपुर (सोनभद्र)। कर्बला की जंग व उसमें शहीद हुए इमाम हुसैन व 72 अन्य की याद में मंगलवार को बीजपुर बाजार,खम्हरिया,राजो,बख्रिहवा,आदि स्थानों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा मातम जुलूस निकाला गया। मोहर्रम पर निकले इस जुलूस में बड़ों के अलावा छोटे बच्चें भी सीना पीट रहे थे। या हुसैन या हुसैन के नारें से पूरा क्षेत्र गूंज रहा था। वहीं विभिन्न जगहों से ताजिया जुलूस भी निकाला गया जो गली, चौक-चौराहें व सड़कों पर रुककर कर इमाम हुसैन की शहादत की कहानी बयां कर रहे थे । जगह-जगह सदर सलीम बाबा तकरीर करते चल रहे थे। सदर सलीम बाबा ने तकरीर करते हुए कहा कि करीब 1400 वर्ष पहले इराक में यजीद नाम का जालिम बादशाह इंसानियत का दुश्मन था। यजीद खुद को खलीफा मानता था। वह जनता पर हद से ज्यादा जुल्म किया करता था। वह चाहता था कि हजरत इमाम हुसैन उसके खेमे में शामिल हो जाएं लेकिन हुसैन को यह मंजूर नहीं था उन्होंने अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई यजीद ने तीन दिनों से भूखे-प्यासे इमाम हुसैन व उनके साथियों को कर्बला में शहीद कर दिया। हुसैन के छह माह के बेटे अली असगर को भी शहीद कर दिया। घर की औरतें व बड़े बेटे इमाम सज्जाद को गिरफ्तार कर लिया। इसी की याद में यह मुहर्रम का त्यौहार मनाया जाता हैं। चाक चौबंद सुरक्षा के मद्देनजर प्रभारी निरीक्षक भैया एस पी सिंह मय फ़ोर्स पूरे क्षेत्र का भ्रमण करते नजर आए जिससे किसी भी प्रकार की समस्या न आने पाए। जुलूस में सदर सलीम बाबा के साथ नसीम अख्तर , मीरहन , रियाजुद्दीन अंसारी , गामा कुरैशी, तौहीद कुरैशी,युनूस कुरैशी ,मुमताज कुरैशी निजाम कुरैशी,अप्सरा अंसारी,शौकत अंसारी , गयासुद्दीन, सैयद अंसारी ,मुस्तकीम अंसारी , हाजी शरीफ, मंजूर आलम, मंसूर नवाज शरीफ, अफरोज, इमरोज, इस्तियाक, अजमत , मुख्तार, मुमताज अली , वाजिद, सफदर महताब कुरैशी, सनी, सद्दाम हुसैन,आदि लोग शामिल रहे।