भोला नाथ मिश्र-(राबर्टसगंज)
सोनभद्र । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला संघचालक और नगर के प्रतिष्ठित उर्वरक थोक व्यवसायी शिवशंकर गुप्त आपातकाल में मीसा और डी आई आर में दो बार जेल की यातनाएं झेल चुके हैं । शुक्रवार
को पूछने पर रामकहानी सुना दिए ।
पहलीबार
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श्री गुप्त कहते है , ‘ एक सिपाही आया कहा थाने चलिए बात करनी है । थाने जाने पर व्यासमुनि नाम के दरोगा ने अपशब्द कहा । मेरी बेटी जब
भोजन लेकर गई तो उसे भोजन
समेत वापस लौटा दिया । मिर्जापुर जेल में गया तो वहाँ बिच्छी और लसड़ा गाँव के 302 के कैदी मुझे देख कर आश्चर्य चकित हो गए । एक ने अपनी चौकी छोड़ दी । सुबह मुझे उस
बैरक में ले जाया गया जहाँ पहले
से 50-60 राजनितिक बंदी थे ।
उनलोगों से मिलने के बाद चिंता
मुक्त हो गया । मेरे पूज्य पिता गैरी
शंकर भोजन लेकर मिर्ज़ापुर जेल
गए । महेंद्र सिंह एडवोकेट से मिलकर हाई कोर्ट से ज़मानत करा दिए । इस दौरान दो माह 10
दिन जेल में रह ।
दूसरी बार जेल
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संघ के जिला संघचालक श्री गुप्त
कहते है , मंगरु यादव , गणेश पाठक , समेत चार लोगों को सत्याग्रह करने के लिए घोरावल
भेजा था । पुलिस को मालुम हुआ
तो फिर थाने बुलाकर गाली गलौज किया गया और मिर्ज़ापुर
जेल भेज दिया गया ।
जेल में थे
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संघचालक श्री गुप्त कहते है कि
चुनार के ओमप्रकाश सिंह , विन्ध्याचल के गणेश खत्री ,
दुद्धि के ईश्वर सिंह , मंगरु यादव ,
रामकृष्ण तिवारी , राबर्ट्सगंन के
कन्हैयालाल गुप्त समेत कुल
50- 60 लोग थे ।
बनता था भोजन
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जेल में चार कैदी मिले थे । चावल दाल आटा मिलता था ।
सब्जी नही मिलती थी । सब्जी
हम योग अपने पैसे से मंगाते थे ।
एक रुपया देने पर 12 आना का
समान आता था । चार आना सिपाही कमीशन लेते थे । जलावनी लकड़ी नही मिलती
थी । कटहल के पेड़ से लकड़ी की व्यवस्था होती थी । जेलर
लकड़ी काटने के ख़िलाफ़ था ।
कहता था पगली घँटी बजा दूँगा ।
शाखा लगाते थे
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शिवशंकर गुप्त कहते है जेल में
संघ के हम लोग शाखा लगाते
थे । संघ की प्रार्थना , प्रातः स्मरण
बौद्धिक , चर्चा , योग , कबड्डी आदि का आयोजन हम लोग करते थे ।
मुलायम सरकार ने दिया आदर
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कहते है , हम लोगों को वातानुकूलित बस से आदर पूर्वक
लखनऊ बुलाया गया था । रास्ते भर आवभगत होती रही । समारोह में मुलायम सिंह ने कहा थी कि मैं जानता हूँ कि इसमें
90 प्रतिशत आर यस यस और जनसंघ के लोग है । लेकिन आप
सभी लोकतंत्र बचाने में भूमिका
निभाए है । मैं केवल आप सभी को सम्मान निधि ही दे रहा हूँ ।