सोनभद्र से चिरंजीवी दुबे की रिपोर्ट
परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए सरकार द्वारा काफी धनराशि खर्च की जा रही है लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से बच्चे शिक्षा से वंचित रह जा रहे हैं यहां तक की बच्चों के सामने पत्रकार से जोर जबरदस्ती एवं अभद्रता करके बच्चों के सामने अभद्रता की नजीर पेश की जा रही है
मधुपुर /बन्तरा। परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए सरकार द्वारा काफी धनराशि खर्च की जा रही है लेकिन जिम्मेदारों के लापरवाही से बच्चे शिक्षा से वंचित रह जा रहे हैं यहां तक की बच्चों के सामने पत्रकार से जोर जबरदस्ती एवं अभद्रता करके बच्चों के सामने अवैधता के नजीर पेश की जा रही है स्कूल में उपस्थित की पड़ताल की गई तो सामने आया कि स्कूल में से तो अध्यापिका ही नदारत है मामला इतना ही नहीं अध्यापिका की जगह प्राथमिक विद्यालय की शिक्षामित्र संगीता मौर्य मिडिल स्कूल की अध्यापिका बन बैठी हैं।
(क्या है पूरा मामला)
मामला सोनभद्र के घोरावल विधानसभा के वि○ क्षेत्र करमा अंतर्गत ग्राम बन्तरा का है जहां आज दिनांक 27 अक्टूबर दिन शुक्रवार को सुबह 9:25 पर प्राथमिक विद्यालय और मिडिल विद्यालय में पड़ताल की गई तो पता चला की स्कूल से तो प्रधान अध्यापिका प्राथमिक विद्यालय संजू भारद्वाज नदारत है प्राथमिक विद्यालय में सिर्फ प्रमोद कुमार पांडे सहायक अध्यापक उपस्थित थे मामला तो तब सामने आया जब मिडिल स्कूल की पड़ताल की गई तब पता चला की अध्यापिका रीना कुमारी अभी तक विद्यालय में आई नहीं है और उनकी जगह पर प्राथमिक विद्यालय की शिक्षामित्र संगीता मौर्य बच्चों को निर्देशित करती हुई पाई गई जब शिक्षामित्र संगीता मौर्य से कैमरे के सामने उनका नाम और पद पूछा गया तो वह भड़क उठे और उल्टा पत्रकार से ही सवाल जवाब करने लगी जब पत्रकार ने आगे और जानकारी संगीता मौर्य से प्राप्त करनी चाहिए संगीता मौर्य द्वारा गुस्से में कैमरे के सामने यह कहा गया कि आप होते कौन है पूछने वाले मैं अधिकारी से बात कर लूंगी और जब पत्रकार ने कैमरा कार्यालय की तरफ दिखाना चाह तो संगीता मौर्य बच्चों के सामने ही धक्का मुक्की पर उतर आई और पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार करने लगी संगीता मौर्य यहां तक कहने लगी की आपको जो करना है कर लीजिए हम ही टीचर हैं आपको क्या लगता है वीडियो बनाकर क्या कर लेंगे संगीता मौर्य जी के द्वारा यह भी कहा गया कि आप हमसे और रीना कुमारी जी से अकेले में बात करिए ।चिंता की बात तो यह है की संगीता मौर्य एक शिक्षामित्र एक अध्यापक के तौर पर पत्रकार से इस तरह से बर्ताव कर रही हैं तो बच्चों से किस तरह का बर्ताव करती होगी और जो अध्यापक शिक्षामित्र खुद ही खुद ही अभद्रता कर रहा हो वह बच्चों को किस तरह शिक्षा प्रदान करता होगा और यह सब देखकर बच्चों और उनके भविष्य पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा यह सब तो भगवान के ही भरोसे है।