सोनभद्र कार्यालय
- एससी/एसटी एक्ट के आरोप में बरी
- 12 वर्ष बाद हुआ फैसला
सोनभद्र। विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट संतोष कुमार गौतम की अदालत ने 12 वर्ष पहले दलित व्यक्ति की बेरहमी से हुई पिटाई के मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए संत कुमार उर्फ बबलू गुप्ता एवं अवधेश यादव को मारपीट का दोषी मानते हुए एक-एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अदालत ने एससी/एसटी एक्ट के आरोप से बरी कर दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक शक्तिनगर थाने में लालचंद भारती पुत्र रामविचार निवासी निमियाटॉड बस्ती थाना शक्तिनगर ने दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 5 नवंबर 2008 को चिल्का डांड़ बाजार से अपनी दवा लेकर लगभग आठ बजे शाम अपने घर के लिए आ रहा था कि अचानक रेलवे पुलिया के सामने एक सफेद रंग की गाड़ी जिसमें संत कुमार उर्फ बबलू गुप्ता अपने साथियों के साथ बैठा था और गाड़ी रोककर नीचे उतरकर साथियों के साथ पकड़ लिया। उसका साथी अवधेश यादव द्वारा उसका गला दबाने का प्रयास किया गया। इतना ही नहीं संत कुमार उर्फ बबलू गुप्ता ने कनपटी पर बंदूक रखकर जान मारने की कोशिश किया। चमार शब्द से भी सम्बोधित किया। इसीबीच एक दूसरी गाड़ी का आवागमन हो गया तो उसकी लाइट पड़ते ही उसे छोड़ दिया। भविष्य में कभी भी गाड़ी से कुचलकर जान से मारने का प्रयास किया जा सकता है। इस मामले में पुलिस ने संत कुमार उर्फ बबलू गुप्ता निवासी निमिया टॉड थाना शक्ति नगर व अवधेश यादव निवासी लखनपुर, थाना मेजा, जिला इलाहाबाद हाल पता बस स्टैंड शक्ति नगर के विरुद्ध मारपीट एवं एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर मारपीट करने के दोषियों संत कुमार उर्फ बबलू गुप्ता एवं अवधेश यादव को एक-एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष अभियोजक एससी/एसटी सी शशांक शेखर कात्यायन एवं राजेश कुमार पाठक एडवोकेट ने बहस की।