सोनभद्र कार्यालय
● घोरावल से सटे खैड़ार बड़रम में श्रीराम चरित मानस महायज्ञ नवान्ह परायण एवं संगीतमय श्रीरामकथा मे राम कथा सुनने उमड़ रही है भक्तों की भीड़
सोनभद्र। शुभ संकल्प क्रिया और ईश्वर की कृपा इन तीनों वस्तुओं के एकत्रित होने से ही कोई भगवत कार्य प्रारंभ होता है। उक्त बातें श्री रामचरित मानस नवान्ह परायण महायज्ञ व संगीत में श्री राम कथा के दौरान भक्तों को अपने प्रवचन सुनाने के दौरान कथा वाचिका बाल व्यास आराधना चतुर्वेदी ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्श जीवन के बारे में कहीं। आगे उन्होंने कहा कि रामकथा मात्र कथा नहीं है, मात्र वह एक पारंपरिक इतिहास नहीं है बल्कि वह एक मर्यादित आदर्श व संस्कारित सनातन संस्कृति का परिचायक है। बाल ब्यास आराधना चतुर्वेदी कथा श्रवण करने आए राम भक्त नर नारियों को गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस का श्रवण करने की प्रेरणा देते हुए तमाम उद्धरण भी प्रस्तुत किए जिससे मानव जीवन कृतार्थ हो सकता है
।बाल यज्ञाचार्य कौस्तुभ मिश्र जी,आचार्य पंडित अंकुल मिश्र, आचार्य सुरेश तिवारी,रोहित पाण्डेय, मुख्य यजमान दामोदर चतुर्वेदी,कमलेश चतुर्वेदी,सनद राम, बंटे चौबे,लालेन्द्र चौबे,बृजेश मिश्रा,इस दौरान उनके साथ संगीत में आशीष पाण्डेय एवम सहयोगी रहे। प्रवचन के समय सैकड़ों नर नारी जहां उपस्थित रहे वही यज्ञशाला की परिक्रमा करते भी लोग नहीं थक रहे थे।